राज्यपाल बिल को अनिश्चित काल के लिए रखना चाहती हैं, इसके लिए वो बहाना ढूंढ़ रही हैं- सीएम

रायपुर। आरक्षण के मुद्दे पर राजभवन और राज्य सरकार में तनातनी लगातार जारी है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आरक्षण विधेयक पर हस्ताक्षर में हो रही देरी को लेकर बीजेपी पर जमकर निशाना साधा है।

सीएम ने कहा है कि आरक्षण विधेयक पर राजभवन का रूख स्पष्ट नहीं है। उन्होंने आरोप लगाया है कि राज्यपाल भाजपा के दबाव में हैं। साथ ही विधिक सलाहकार के परामर्श को लेकर सीएम ने कहा कि लगता है कि विधिक सलाहकार एकात्म परिसर में बैठते हैं।

पूर्व सीएम डाॅ. रमन सिंह के बयान पर पलटवार करते हुए सीएम ने कहा कि बिल विभाग तैयार करता है। कैबिनेट मंजूरी देता है और विधानसभा में चर्चा के बाद पारित होता है। उन्होंने कहा कि यह विधेयक किसी एक की मर्जी से पारित नहीं हुआ है।

बल्कि विधेयक सभी दलों की सहमति से विधानसभा में पास हुआ है। सीएम ने आगे कहा कि राज्यपाल के अधिकार में जो है वो करें। अगर विधेयक हस्ताक्षर योग्य नहीं है तो वापस करें। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि राज्यपाल बिल को अनिश्चित काल के लिए रखना चाहती हैं और इसके लिए वो बहाना ढूंढ़ रही हैं।

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