RERA Action - एग्रीमेंट का पालन नहीं करने पर प्रमोटर मेसर्स लैण्डमार्क एसोसिएट्स की जुर्माना
RERA Action - एग्रीमेंट का पालन नहीं करने पर प्रमोटर मेसर्स लैण्डमार्क एसोसिएट्स की जुर्माना

विशेष संवादाता, रायपुर

राजधानी रायपुर के सड्‌डू स्थित वीआईपी सिटी इंफ़्रा पर आज रेरा और बिजली विभाग अब जा कर सख्त हुआ है। कॉलोनी के बिल्डर द्वारा वर्षों से स्थाई बिजली कनेक्शन उपलब्ध न कराने पर रेरा ने मंगलवार को आदेश दिया था कि उनकी गाड़ी छोड़कर सभी चल संपत्ति कुर्क की जाए। इसके साथ ही बिजली विभाग ने भी पुराना बकाया 20 लाख रूपये के लिए बिल्डर राकेश पांडेय को तालाब किया है।

प्रदेश के टॉप बिल्डरो में शुमार राकेश पांडेय के खिलाफ सड्डू स्थित वीआईपी सिटी इंफ़्रा के हितग्राहियों ने शिकायत किया है। रेरा द्वारा मामले की तस्दीक के बाद आज उनके दफ्तर और अपार्टमेंट को कुर्क करने की कार्रवाई के लिए पहुंची थी। बताते हैं कि बिल्डर पिछले आठ साल से हितग्राहियों को परमानेंट बिजली कनेक्शन नहीं दे रहा था। परेशान होकर हितग्राहियों ने रेरा प्राधिकरण में संचालक के खिलाफ आवेदन किया था।

आवेदक प्रवीर कुमार दास, अविनाश पाण्डेय और प्रभा सिंह ने 2014 में प्लाट लिया था। फिर मकान बनाया। लेकिन स्थाई बिजली कनेक्शन के लिए परेशां होते रहे थे। रेरा के एक्शन के बाद राकेश पांडेय बिजली कनेक्शन देने तैयार हुए तो बिजली विभाग ने भी पुराना बकाया 20 लाख रूपये जमा करवाने के बाद ही स्थाई कनेक्शन देने की बात कही है।

आवेदक प्रवीर दास ने टीआरपी न्यूज़ को बताया कि रेरा की टीम ऑफिस कुर्क करने पहुंची थी काफी देर बाद पता चला क़ि दफ्तर मॉडगेज है तब वीआईपी सिटी इंफ़्रा स्थित उनके घर गई। आवेदक हितग्राहियों का कहना है कि वस्तुस्थिति अब कल ही स्पष्ट हो पायेगी। इस दौरान बिल्डर राकेश पांडेय से संपर्क नहीं हो पाया।

बताते हैं कि उनकी वीआईपी सिटी इंफ़्रा में 3 प्रकार की योजना है पहली में 80 फ़्लैट हैं जिसमे बिजली कनेक्शन है। इसी तरह रो हाउस में 70 – 80 रिहायश है यहाँ भी बिजली का स्थाई कनेक्शन बाद में दिया गया था। बिल्डर पर बिजली विभाग का लाखों बकाया है। तीसरी योजना के तहत सेक्टर 1 , 2 , 3 , 4 , 5 और 6 सेक्टरों में प्लॉटिंग की गई है। यहीं पर निर्माण करता हितग्राहियों को स्थाई कनेक्शन नहीं दिया गया है।

कनेक्शन देने की बजाये बिल्डर कोर्ट चला गया था जहाँ से उसे कनेक्शन देने का फैसला सुनाया गया। तभी से बिल्डर की परेशानी बढ़ी और रेरा के साथ साथ उसकी वीआईपी सिटी इंफ़्रा बिजली विभाग के बकायेदारी के घेरे में आ गई है। मामले में स्थिति कर स्पष्ट होगी।