भोपाल। साढ़े तीन साल से गायब मध्यप्रदेश कैडर की 2015 बैच की आईएएस अधिकारी रानी बंसल की सेवाएं केंद्र सरकार के कार्मिक एवं प्रशिक्षण (डीओपीटी) विभाग ने समाप्त कर दी है। मध्यप्रदेश के सामान्य प्रशासन विभाग के प्रस्ताव पर बंसल का डीम्ड रिजाइन लेटर मानकर कार्रवाई की गई। रानी बंसल बागली में एसडीएम रहते हुए बिना बताए गायब हो गई थीं।

SDM के पद पर थीं कार्यरत
2015 बैच की आईएएस अधिकारी रानी बंसल बागली में एसडीएम पद पर पदस्थ थी। रानी बंसल भोपाल की रहने वाली हैं। उन्होंने राजीव गांधी प्रौद्योगिकी यूनिवर्सिटी से इंजीनियरिंग में ग्रेजुएशन किया है। यूपीएससी में उनकी 64वीं रैंक आई थी। रानी बंसल एसडीएम बागली के पद पर थी। 31 मई 2019 से बिना बताए अपनी ड्यूटी से गायब चल रही थी। मध्य प्रदेश सामान्य प्रशासन विभाग ने उनके पते पर कई बार नोटिस भेजे, लेकिन उनका कोई जवाब नहीं मिला।

इस नियम के तहत हटाया
सामान्य प्रशासन विभाग मध्य प्रदेश ने उनकी जानकारी डीओपीटी को भेजकर उनका स्वत: इस्तीफा मंजूर करने का प्रस्ताव भेजा था। जिसे डीओपीटी ने स्वीकर कर लिया। उन्हें अखिल भारतीय सेवा नियमावली 1955 के नियम 7(2)(क) के तहत हटाया गया है।
पिता बोले – लंबे समय से बीमार हैं रानी
रानी बंसल के पिता से जब उनकी गैर हाजिरी को लेकर पूछा गया तो उन्होंने बताया कि मेरी बेटी रानी बंसल लंबे समय से बीमार चल रही है। अभी फिलहाल कुछ और समय नौकरी में जॉइन करने की इच्छुक नहीं हैं। वे फिलहाल मुंबई में अपने पति केतन बिश्नोई के साथ रह रही हैं। मैं पहले भोपाल फैक्चर अस्पताल में मेडिकल शॉप चलाता था। अब दुकान बंद कर दी है।
काले धन के मामले में आई थीं चर्चा में
रानी बंसल के पति कस्टम इंस्पेक्टर हैं। साल 2017 में जब वे नरसिंहपुर के गाडरवारा में पदस्थ थीं, तब काले धन के मामले में सीबीआई द्वारा पूछताछ को लेकर वे चर्चा में आई थीं। सीबीआई ने रानी के पति के दोस्त कस्टम इंस्पेक्टर परमानंद सिंघानिया के मामले में उनसे पूछताछ की थी। दरअसल सिंघानिया ने रानी बंसल के खाते में ₹14 लाख ट्रांसफर किए थे। उस समय रानी ने बताया था कि उनके पति ने सिंघानिया को यह राशि दी थी जिसे उन्होंने वापस किया है। विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दौरान विधायक सतीश सिकरवार ने एक सवाल के जरिए मध्य प्रदेश के उन आईएएस अफसरों की जानकारी मांगी थी, जिन्होंने अपना अचल संपत्ति का ब्यौरा नहीं दिया था। सामान्य प्रशासन विभाग ने बताया था कि रानी बंसल सहित तीन आईएएस ऐसे हैं, जिन्होंने यह ब्यौरा नहीं दिया है।

एक और IAS को भी ऐसे ही हटाया
इससे पूर्व 1999 बैच के आईएएस अधिकारी अनिल यादव को भी इसी तरह हटाया गया था। यादव वर्ष 2007 से 2009 तक अध्ययन अवकाश पर थे। इसके बाद वह ड्यूटी पर वापस ही नहीं आए। न ही कोई सूचना सरकार को दी। इसके बाद सामान्य प्रशासन विभाग ने उनके त्यागपत्र का प्रस्ताव डीओपीटी को भेजा। हालांकि बाद में यादव ने वापस आने का आवेदन दिया, जिसे सरकार ने स्वीकार नहीं किया।
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