JINDAL VIRODH

0 लोग बाजे-गाजे के साथ सुनवाई में पहुंचे थे प्लांट विस्तार की खिलाफत करने

रायगढ़। जिंदल ग्रुप के सीमेंट प्लांट के विस्तार और पावर प्लांट की स्थापना को लेकर हुई जिस पर्यावरणीय लोक सुनवाई को जिंदल प्रबंधन द्वारा ग्रामीणों का ऐतिहासिक समर्थन मिलना बताया जा रहा है, उसका अब तक जिले में हुई सभी सुनवाई से ज्यादा विरोध होने की बात सामने आ रही है। आलम यह रहा कि ग्रामीण बड़ी संख्या में बाजे- गाजे के साथ प्लांट का विरोध करने के लिए पहुंचे थे। सुनवाई स्थल पर पूरे समय विरोध के स्वर उठते रहे। वहीं इस दौरान लोग दबी जुबान यह चर्चा करते नजर आये कि विरोध करने वाले अनेक ग्रामीणों को दो बसों में भरकर घूमने के लिए पुरी भेज दिया गया है।

NGT के आदेश के बावजूद प्लांट स्थापना का प्रयास

जिले के पर्यावरण प्रेमियों ने सुनवाई के दौरान अपनी बात रखते हुए कहा कि राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण (NGT) नई दिल्ली द्वारा शिवपाल भगत के केस में आदेश दिया गया है कि जब तक जिला रायगढ़ में पर्यावरणीय अध्ययन नहीं किया जाता, तब तक नए उद्योगों, खदानों एवं पुराने उद्योग और खदानों का विस्तार करने की अनुमति नहीं दी जा सकती है। ऐसे में इस जनसुनवाई का क्या औचित्य ?

विरोध को दबाने की थी पूरी तैयारी

जिंदल ग्रुप का सीमेंट प्लांट रायगढ़ जिले के ग्राम कोसमपाली में संचालित है। इसी प्लांट का विस्तार होने जा रहा है। TRP न्यूज़ को इस बात की पुख्ता जानकारी मिली है कि 2 दिन पहले कोसमपाली और आसपास के गावों से ऐसे ग्रामीणों को 2 बसों में भरकर घूमने के लिए पुरी (उड़ीसा) भेज दिया गया, जो अक्सर प्लांट के विरोध में बातें करते हैं। ऐसे ग्रामीणों को चुन-चुन कर पुरी घूमने का ऑफर दिया गया। हालांकि कई ऐसे ग्रामीण भी थे, जो पुरी नहीं गए। ऐसे ग्रामीणों ने ही इसकी जानकारी दी। अब यह तो बताने की जरुरत नहीं है कि पुरी की यात्रा का प्रायोजक कौन है।

दूध का जला छाछ भी…

यह कहावत जगजाहिर है कि “दूध का जला छाछ भी फूंक-फूंक कर पीता है।” यही हालत कोसमपाली और आसपास के पूरे गांव वालों की हो गई है। दरअसल यहां जो प्लांट जिंदल ने स्थापित किया है उसके प्रभावितों में से अनेक लोगों को न तो रोजगार मिला और न ही रोजगारमूलक कार्य। वहीं कंपनी ने CSR मद से जो कार्य कराने का वादा किया गया था, वह पूरे नहीं किये गए, उलटे इस इलाके में प्लांट के खुलने से पूरे इलाके की सड़क जर्जर हो गई है और उनका जीर्णोद्धार नहीं किया जा रहा है, वहीं प्लांट से पूरा इलाका प्रदूषित हो गया है और लोग तरह-तरह की बीमारियों से जूझ रहे हैं। यहां के गांवों का जलस्तर भी गिर गया है। ऐसे में कोई भला क्यों चाहेगा कि उसके इलाके में कोई और प्लांट खुले।

विरोध का ऐसा नजारा पहली बार

प्रदेश में जहां भी नए प्लांट अथवा खदान खोलने की योजना होती है तो उसकी पर्यावरणीय सुनवाई अनिवार्य है, जहां इलाके के ग्रामीण और अन्य लोग पहुँच कर समर्थन और विरोध में अपनी बात तार्किक ढंग से रखते हैं। आपने इससे पहली ऐसी पर्यावरणीय जनसुनवाई नहीं देखी होगी जिसमे लोग प्लांट का विरोध करने के लिए ढोल-नगाड़ों के साथ पहुंचे हों। जिंदल की इस सुनवाई में ग्रामीण युवाओं का एक बड़ा समूह ऐसे ही बजे-गाजे के साथ नारेबाजी करते हुए सुनवाई स्थल पर पहुंचा। इनकी मांग थी कि पहले पुराने संयंत्रों में स्थानीय लोगों को रोजगार दो फिर सुनवाई करो। वहीं कुछ युवाओं ने पर्यावरण संरक्षण संबंधी स्लोगन भी लिख रखे थे।

गंभीर जल संकट की आशंका

मैसर्स जिंदल पैंथर सीमेंट प्लांट द्वारा अपने लिए प्राकृतिक जल श्रोत की बजाय भूजल का दोहन पूर्व से किया जा रहा है, जिसके कारण आसपास के क्षेत्रों में जल स्तर दिन पर दिन गिर रहा है, और गांवों में जल संकट पैदा हो गया है। अगर कंपनी के विस्तार की अनुमति प्रदान की जाती है, तो उन परिस्थितियों में कंपनी द्वारा वर्तमान जल दोहन से 3 गुना ज्यादा भूजल दोहन किया जाएगा, जिससे इस इलाके में गंभीर जल संकट के हालात पैदा हो जायेंगे। मैसर्स जेएसपीएल जिंदल पैंथर सीमेंट प्लांट द्वारा कंपनी के चारों तरफ वृक्षारोपण एवं पानी का छिड़काव किया जाना था, जो कंपनी द्वारा अब तक नहीं किया है, जिसके चलते भी ग्रामीण प्लांट विस्तार का विरोध कर रहे हैं।

ईआईए रिपोर्ट की नहीं दी जाती जानकारी

केंद्रीय वन पर्यावरण मंत्रालय के 14 सितंबर 2006 के आदेश अनुसार जन सुनवाई हेतु परियोजना के 10 किलोमीटर क्षेत्र के अंदर आने वाले प्रभावित क्षेत्र के गावों को हर ग्राम पंचायत में ईआईए नोटिफिकेशन दिया जावेगा एवं प्रचार प्रसार हेतु ग्राम स्तर पर दीवाल लेखन, मुनादी, पोस्टर, पंपलेट एवं समाचार पत्रों के माध्यम से प्रचार किया जाना चाहिए, जो जिला पर्यावरण संरक्षण मंडल रायगढ़ द्वारा इससे पहले कभी नहीं किया गया और न ही इस सुनवाई में किया गया।

इस मौके पर आम आदमी पार्टी के रायगढ़ प्रमुख सिरिल कुमार के नेतृत्व में पहुंचे कार्यकर्ताओं ने सुनवाई का तार्किक ढंग से विरोध किया। सिरिल कुमार ने आरोप लगाया कि सुनवाई के आयोजन के लिए नियमों का पालन नहीं किया गया है। वहीं पुराने प्लांट की स्थापना के बाद से इलाके के इंफ्रास्ट्रक्चर पर ध्यान नहीं दिया गया। सड़कें जर्जर हैं इसलिए दुर्घटना में लोगों की मौतें हो रही है। प्लांट प्रबंधन को इस ओर ध्यान देना चाहिए।

नियम का उल्लंघन हुआ तो होगी कार्यवाही : कलेक्टर

जिला कलेक्टर रायगढ़, रानू साहू ने इस संबंध में TRP NEWS से चर्चा करते हुए कहा कि पर्यावरणीय लोक सुनवाई जिले का पर्यावरण संरक्षण मंडल करता है, अगर इस सुनवाई के आयोजन में किसी तरह की अवहेलना हुई है, तो संबंधितों के खिलाफ कार्यवाही की जाएगी। अगर NGT ने रायगढ़ में नए प्लांट अथवा विस्तार को लेकर कोई आदेश दिया है तो उसका अध्ययन किया जायेगा। उन्होंने विश्वास दिलाया कि इस मामले में पूरी तरह निष्पक्षता बरती जाएगी।

ये है जिंदल प्रबंधन का प्रेस नोट

जिंदल प्रबंधन की यह जनसुनवाई गुरुवार 29 दिसंबर को शाम 6 बजे के बाद तक चली, जबकि प्रबंधन द्वारा सुनवाई के ऐतिहासिक होने संबंधी प्रेसनोट मीडिया में 4 बजे ही बांट दिए गए थे। TRP न्यूज़ द्वारा इस सुनवाई को लेकर कल प्रकाशित खबर के बाद जिंदल के PRO प्रदीप टंडन ने TRP संवाददाता को फोन करके दावा किया कि प्लांट का विरोध करने वाले प्रायोजित किये गए थे। उन्होंने कहा कि इलाके के लोग प्लांट से विकास होने की बात कह रहे हैं, जबकि ऐसे लोग जीका यहां से लेना-देना नहीं है वे विरोध करने के लिए पहुंचे हुए थे। अब जरा जिंदल के उस प्रेस नोट पर नजर डालिये जिसमें इस सुनवाई के बारे में काफी बढ़ा-चढ़ा कर लिखा गया है।

प्रेस नोट

जबर्दस्त जनसमर्थन के साथ जिंदल समूह की जनसुनवाई सफल

0 जिंदल पैंथर सीमेंट प्राइवेट लिमिटेड के नए सीमेंट संयंत्र की स्थापना के लिए हुई पर्यावरणीय जनसुनवाई
0 हजारों की संख्या में उमड़े ग्रामीणों ने किया परियोजना का समर्थन
0 जिंदल समूह द्वारा किए गए विकास कार्यों को सभी ने सराहा
0 क्षेत्र के औद्योगिक विकास एवं अंचल के समग्र विकास को मिलेगी तेजी

रायगढ़. जिंदल स्टील एंड पॉवर समूह की कंपनी जिंदल पैंथर सीमेंट प्राइवेट लिमिटेड द्वारा प्रस्तावित एकीकृत सीमेंट संयंत्र परियोजना के लिए कोसमपाली में गुरूवार को आयोजित जनसुनवाई में ग्रामीणों ने परियोजना का अभूतपूर्व समर्थन किया। हजारों की संख्या में उमड़े लोगों ने विश्वास जताया कि इस परियोजना के शुरू होने से क्षेत्र के समग्र विकास को गति मिलेगी और यह प्रोजेक्ट रायगढ़ ही नहीं, छत्तीसगढ़ के औद्योगिक विकास में मील का पत्थर साबित होगा।
जिंदल स्टील एंड पॉवर समूह की कंपनी जिंदल पैंथर सीमेंट प्राइवेट लिमिटेड द्वारा रायगढ़ तहसील के ग्राम कोसमपाली, बरमुडा, धनागर एवं सराईपाली में प्रस्तावित एकीकृत सीमेंट संयंत्र परियोजना की पर्यावरणीय स्वीकृति के लिए जनसुनवाई का आवेदन छत्तीसगढ़ पर्यावरण संरक्षण मंडल में दिया गया था। प्रस्तावित परियोजना की जनसुनवाई के लिए मंडल द्वारा 29 दिसंबर 2022 की तारीख तय की गई थी। गुरूवार को ग्राम कोसमपाली में सुबह 11 बजे से जनसुनवाई शुरू हुई। इसमें आसपास के सभी गांवों के ग्रामीण और जनप्रतिनिधि बड़ी संख्या में उपस्थित थे। सीईसीबी द्वारा जनसुनवाई के दौरान कोविड प्रोटोकॉल के पालन का पूरा ध्यान रखा गया था। जनसुनवाई शुरू होने से पहले पूरे पांडाल और आसपास के क्षेत्र को सैनेटाइज किया गया। परिसर में प्रवेश से पहले सभी की थर्मल स्कैनिंग की गई। हाथों को सैनिटाइज करने के बाद मास्क के साथ ही लोगों ने पांडाल के अंदर प्रवेश किया। शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए जिला प्रशासन एवं पुलिस प्रशासन ने चाक-चौबंद व्यवस्था रखी थी। अतिरिक्त कलेक्टर सुश्री संतन देवी जांगड़े व क्षेत्रीय अधिकारी-छत्तीसगढ़ पर्यावरण संरक्षण मंडल अंकुर साहू के पर्यवेक्षण में तय समय पर जनसुनवाई शुरू हुई। रायगढ़ के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक संजय महादेवा, नगर पुलिस अधीक्षक अभिनव उपाध्याय, कोतरा रोड थाना प्रभारी गिरधारी साव पुलिस के जवानों के साथ कानून-व्यवस्था की कमान संभाल रहे थे। जनसुनवाई के दौरान अपने विचार व्यक्त करते हुए ग्रामीणों ने कहा कि जिंदल समूह ने रायगढ़ के समग्र विकास में पूरा योगदान दिया है। कंपनी ने सामाजिक उत्तरदायित्व के तहत कई विकास कार्य कराए हैं। इनमें ग्रामीणांे की मूलभूत जरूरतों से लेकर अधोसंरचना विकास के कार्य तक शामिल हैं। इससे बड़ी संख्या मंे ग्रामीणों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष तौर पर रोजगार मिला है और पूरा क्षेत्र इससे लाभान्वित हो रहा है। कंपनी ने पर्यावरण के संरक्षण और संवर्धन के लिए भी बेहतर प्रयास किए हैं। सीमेंट संयंत्र शुरू होने से इसमें और भी इजाफा होगा। जनसुनवाई के दौरान सभी प्रभावित गांवों के प्रतिनिधियों ने अपने विचार रखते हुए एक स्वर में इस परियोजना का समर्थन किया। जनसुनवाई की यह प्रक्रिया शाम तक जारी रही। इससे पहले जिंदल पैंथर सीमेंट प्राइवेट लिमिटेड की ओर से कंसलटेंट ने परियोजना के बारे में विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि किस तरह इसके पूर्ण होने से औद्योगिक विकास और क्षेत्र के विकास को गति मिलेगी। उन्होंने परियोजना के फायदों के बारे में ग्रामीणों को पूरी जानकारी दी। इस दौरान परियोजना प्रभावित क्षेत्र के ग्रामीणों, जनप्रतिनिधियों के अलावा आसपास के क्षेत्रों से भी लोग बड़ी संख्या में पहुंचे। बड़ी संख्या में महिलाओं ने भी परियोजना का समर्थन किया। जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों की मौजूदगी में जनसुनवाई शाांतिपूर्ण तरीके से जबर्दस्त जनसमर्थन के साथ सफल रही। जिंदल स्टील एंड पॉवर के एग्जीक्यूटिव वाइस प्रेसिडेंट संजीव चौहान ने इस अवसर पर क्षेत्र के सभी ग्रामीणों और जनप्रतिनिधियों का सहयोग के लिए आभार जताते हुए कहा कि उनके प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष सहयोग की वजह से ही यह संभव हो सका। उन्होंने कहा कि जिंदल समूह अंचल के समग्र विकास के लिए प्रतिबद्ध है और यह प्रोजेक्ट सफल होने से निश्चित तौर पर क्षेत्र के विकास को नई गति मिलेगी।
देर शाम तक चलता रहा समर्थन
जिंदल पैंथर सीमेंट प्राइवेट लिमिटेड के नए प्लांट की स्थापना के प्रोजेक्ट के लिए स्थानीय जनता के समर्थन का यह आलम था कि शाम तक लोगों की कतार अपने विचार व्यक्त करने के लिए लगी रही। ये सभी स्थानीय ग्रामीण थे, जो इस प्रोजेक्ट के पूरा होने पर क्षेत्र का विकास होने का विश्वास जताते हुए परियोजना का समर्थन करने के लिए पहुंचे थे। यह अपने आप में ऐतिहासिक अवसर रहा, जब किसी परियोजना को लेकर ग्रामीणों ने इतना विश्वास और उत्साह जताया हो।

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