SK CHANDRA

रायपुर। जल जीवन मिशन के टेंडर में गड़बड़ी की तमाम शिकायतों के बावजूद बचते चले आये EE एस के चंद्रा की वजह से जब PHE मंत्री की बोलती बंद हो गई और विधानसभा अध्यक्ष को भी हस्तक्षेप करना पड़ा तब जाकर विभाग को इन्हे निलंबित करना पड़ा।

PHE के कार्यपालन अभियंता एस के चंद्रा पर आरोप है उन्होंने जांजगीर-चांपा और बिलासपुर में जलजीवन मिशन में EE के पद पर रहते हुए टेंडर में भारी घोटाला किया। हालांकि काफी शिकायतों के बावजूद वे बचते चले आये मगर इस बार भाजपा विधायक कृष्णमूर्ति बांधी द्वारा विधानसभा में उठाये गए सवाल के बाद 15 टेंडर निरस्त भी किए गए, मगर जब सदन में भाजपा द्वारा की गई घेरेबंदी के बाद जब PHE मंत्री गुरु रूद्र कुमार कुछ जवाब नहीं दे सके तब विधानसभा अध्यक्ष डॉ. चरण दास महंत को कहना पड़ा कि वे पूरी तैयारी के साथ सदन में आएं। उन्होंने कहा कि शिकायत की गंभीरता से जांच करते हुए कार्रवाई की जाये।

35% अधिक दर पर दिए गए टेंडर

जलजीवन मिशन के EE एस के चंद्रा के खिलाफ सबसे गंभीर शिकायत यह रही कि उन्होंने जांजगीर जिले में 250 टेंडर 35% अधिक दर पर स्वीकृत कर दिए। वहीं उन्होंने टेंडर जारी करने के पूर्व पेपर प्रकाशन व निश्चित समयावधि का पालन नही किया। उन्होंने 201 टेंडर में से 80 निरस्त और 15 रिटेंडर किए। विधानसभा में विपक्ष ने 100 करोड़ की गड़बड़ियों का आरोप लगाया। वहीं एनएसयूआई ने भी गड़बड़ियों को लेकर ईई, सीई, ईएनसी के खिलाफ एफआईआर करवाने थाने में आवेदन दिया। इस दौरान EE चंद्रा द्वारा विधानसभा में भी गलत जानकारी दी गई।

इन सारी गड़बड़ियों को देखते हुए शीतकालीन सत्र के बाद ईई एसके चन्द्रा को लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के अवर सचिव रविंद्र कुमार मेंढेकर ने निलंबित कर दिया। निलंबन अवधि में इनका मुख्यालय कार्यालय प्रमुख अभियंता, इंद्रावती भवन, नवा रायपुर अटल नगर होगा।

सभी जिलों में विवादस्पद रहे चंद्रा

PHE के मलाईदार पदों पर रहे अधिकारी एस के चंद्रा ने जगदलपुर में पदस्थ रहते हुए सोलर पैनल सिस्टम खरीदी में गड़बड़ी की। जिसके चलते उनके खिलाफ निलंबन की कार्रवाई की गई। चांपा में उनके ऊपर स्वच्छता मिशन में भ्रष्टाचार का आरोप लगा। इस मामले को लेकर उनके खिलाफ FIR के निर्देश दिए गए। इसके बाद कोरबा में चंद्रा के यहां ACB ने छापा मारा और उनकी 8 करोड़ की काली कमाई उजागर की। तब भी इन्हें निलंबित कर दिया गया था। इस मामले में आय से अधिक संपत्ति का प्रकरण फिलहाल न्यायालय में विचाराधीन है।

इसी तरह ED ( प्रवर्तन निदेशालय) ने एसके चन्द्रा की जांजगीर व बिलासपुर की सम्पतियां व बैंक में जमा राशि, घर व जमीन के रूप में कुल 1 करोड़ 72 लाख की संपत्ति अटैच की है। इस तरह जल जीवन मिशन के टेंडर में भ्रष्टाचार सहित अन्य गड़बड़ियों और विधानसभा में गलत जानकारी देने के आरोप में एस के चंद्राकर को निलंबित कर दिया गया।

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