मुंबई : पिछले कुछ वर्षो से बॉलीवुड का समय सही नहीं चल रहा है। लगातार बॉलीवुड कि फिल्में फ्लॉप होती नजर आ रही है। पहले किसी भी बॉलीवुड फिल्म की रिलीज के दौरान एक चहल-पहल रहती थी। चहल-पहल तो अब भी रहती है. लेकिन उसके कारण सकारात्मक कम ही नजर आते हैं। बॉलीवुड फिल्में आजकल चलने से ज्यादा बायकॉट ट्रेंड में है। आज सीधे तौर पर बॉलीवुड की किसी भी फिल्म को टारगेट कर लिया जाता है। बॉलीवुड बायकॉट का सीधा असर इंडस्ट्री पर पड़ रहा है।

हाल ही में सुनील शेट्टी ने एक खास कार्यक्रम के दौरान योगी आदित्यनाथ से इस बात की गुजारिश की कि वे बायकॉट ट्रेंड को खत्म करने में मदद करें। मामला गंभीर होता जा रहा है। अगर ऐसा ही चलता रहा तो बॉलीवुड की पकड़ धीरे-धीरे हिंदी ऑडियंस से छूट जाएगी। चलिए जानते हैं वो पांच वजह जिनकी वजह से बॉलीवुड को बायकॉट ट्रेंड का सीधे तौर पर नुकसान हो रहा है।

1- बड़े बजट की फिल्मों पर असर- बॉलीवुड में एक फिल्म के बनने पर करोड़ों रुपये खर्च होते हैं. कई सारे फाइनेंसर्स और प्रोड्यूसर्स का पैसा एक फिल्म में लगा होता है। उस फिल्म की आय से उसकी कास्ट और क्रू को सैलरी मिलती है। कई सारी कड़ियां एक बड़ी फिल्म की रिलीज के साथ जुड़ी होती है। लेकिन बायकॉट ट्रेंड की वजह से मामला बिगड़ रहा है. फिल्में बॉक्स ऑफिस पर अपनी क्षमता के मुताबिक कमाई नहीं कर पा रही हैं।

2- अच्छे स्टार्स भी साथ में पिस रहे- बायकॉट ट्रेंड सीधे तौर पर बॉलीवुड को टारगेट करने और इसे दबाने की विचारधारा से किया जा रहा है। इसका असर ये पड़ रहा है कि अच्छे स्टार्स की फिल्में भी उस हिसाब से नहीं चल पा रहीं। इस ट्रेंड के मायाजाल में फंसे लोग तो सीधे तौर पर ये कह दे रहे हैं कि वे बॉलीवुड की कोई भी फिल्म देखेंगे ही नहीं। अगर ऐसा है तो फिर अमिताभ बच्चन जैसे बड़े नाम का क्या फायदा जो आज 80 साल की उम्र में भी लगातार फिल्में कर रहे हैं। फिर तो कोई भी सम्मानित एक्टर फिल्में नहीं बनाना चाहेगा।

3- बड़े नामों से छूट रहा लोगों का एतबार- पहले एक दौर था जब स्टार्स को लेकर अलग फैन फॉलोइंग देखने को मिलती थी। एक अलग क्रेज था। लेकिन अब बॉलीवुड के शायद ही किसी स्टार के लिए ऐसा क्रेज देखने को मिल रहा हो। अब तो सिर्फ साउथ के कलाकारों का बोलबाला देखने को मिलता है। ऐसे में बॉलीवुड के कई सारे बड़े नामों की गुडविल दांव पर लग गई है। पहले आमिर खान का मतलब सफलता का पर्याय होता था। लेकिन बायकॉट ट्रेंड की ताकत का ही नतीजा है कि उनकी ठग्स ऑफ हिंदोस्तान और लाल सिंह चड्ढा जैसी फिल्में पिट गईं।

4- साउथ इंडस्ट्री को हो रहा सीधे तौर पर फायदा- बॉलीवुड के बायकॉट ट्रेंड के मायाजाल में फंसने का सबसे बड़ा फायदा अगर किसी को हो रहा है तो वो है साउथ इंडस्ट्री। साउथ की मूवीज ने इन्हें सुनहरे अवसर की तरह लिया है। जहां एक समय था जब साउथ के चंद स्टार्स को छोड़ दें तो किसी को कोई खासतौर पर नहीं जानता था। लेकिन आज प्रभास, यश अल्लू अर्जुन, राम चरण और महेश बाबू जैसे स्टार्स का नाम लोगों की जुबां पर रहता है।

5- बॉलीवुड की प्रखरता पर पड़ा असर- बॉलीवुड को भारतीय सिनेमा जगत का सबसे ज्यादा कमाई करने वाला जरिया माना जाता रहा है। कई सारी बॉलीवुड फिल्में सालभर में रिलीज होती हैं। हॉलीवुड में भी हिंदी सिनेमा की अच्छी पकड़ है और अब तो विदेश में भी फिल्में देखी जाती हैं। साउथ में भी देखी जाती हैं। ऐसे में अगर हिंदी फिल्मों को हिंदी की ऑडियंस ही सपोर्ट नहीं करेगी तो भला कौन करेगा। मामला गंभीर है।

6- हिट फिल्मों के मुकाबले फ्लॉप फिल्मों की संख्या में बड़ा अंतर- आंकड़ों की तरफ रुख करें तो साल 2022 में कई सारी फिल्में रिलीज हुईं। लेकिन इन फिल्मों में अधिकतर फ्लॉप रहीं। रिपोर्ट्स की मानें तो साल 2022 में कई सारी बॉलीवुड की जानी-मानी फिल्में रिलीज हुईं। इनमें से सिर्फ 5 फिल्में ब्लॉकबस्टर रहीं और 2 फिल्में हिट रहीं। वहीं इस साल 39 फिल्में फ्लॉप साबित हुईं. इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि ब्लॉकबस्टर तो छोड़िये फिल्में हिट भी नहीं हो पा रही हैं।

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