Agriculture University will have Doppler radar worth 10 crores - मिलेगा मौसम का सटीक पूर्वानुमान
Agriculture University will have Doppler radar worth 10 crores - मिलेगा मौसम का सटीक पूर्वानुमान

टीआरपी डेस्क

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में राज्य सरकार की किसान हितैषी नीतियों और फैसले के किसान काफी समृद्ध हुए है। इस दिशा में पहल करते हुए राज्य सरकार किसानों को एक और नई सौगात देने जा रही है। छत्तीसगढ़ के किसानों को नये वर्ष में एक नई सौगात मिलने जा रही है। किसानों को विकासखण्ड स्तर पर मौसम का सटीक पूर्वानुमान प्राप्त होगा, जिससे वे अपनी फसलों को मौसम की अनिश्चित्ताओं से रक्षा करने में सक्षम होंगे।

इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय रायपुर परिसर में जल्द ही मौसम का सटीक पूर्वानुमान देने हेतु लगभग 10 करोड़ रूपये की लागत से डॉप्लर राडार की स्थापना की जाएगी। इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय रायपुर के कुलपति डॉ. गिरीश चंदेल की अध्यक्षता में आज यहां इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय तथा भारत मौसम विज्ञान मंत्रालय, नई दिल्ली के मध्य डॉप्लर राडार की स्थापना हेतु एक अनुबंध किया गया।

अनुबंध के तहत डॉप्लर राडार की स्थापना हेतु इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय द्वारा आवश्यक भूमि उपलब्ध कराई जाएगी तथा इसकी स्थापना की लागत तथा परिचालन व्यय भारत मौसम विज्ञान मंत्रालय द्वारा वहन किया जाएगा। समझौता ज्ञापन पर इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के संचालक अनुसंधान सेवाएं डॉ. वी.के. त्रिपाठी तथा भारत मौसम विज्ञान विभाग के उप महानिदेशक डॉ. एम.एल. साहू ने हस्ताक्षर किये। गौरतलब है कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में राज्य सरकार की किसान हितैषी नीतियों और फैसले के किसान काफी समृद्ध हुए है। इस दिशा में पहल करते हुए राज्य सरकार किसानों को एक और नई सौगात देने जा रही है।

कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. गिरीश चंदेल ने कहा कि छत्तीसगढ़ में डॉप्लर राडार की स्थापना नहीं होने के कारण अब तक मौसम का सटीक पूर्वानुमान प्राप्त नहीं हो पाता था। डॉप्लर राडार लगने से विकासखण्ड स्तर तक मौसम की सटीक जानकारी तथा पूर्वानुमान प्राप्त होगा जिसका राज्य के 37 लाख किसानों तथा आमजनों को लाभ मिलेगा। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के उप महानिदेशक डॉ. एम.एल. साहू ने इस अवसर पर कहा कि रायपुर में सी बैन्ड डॉप्लर राडार की स्थापना की जा रही है, जिसकी तरंग दैर्ध्य 4 से 8 गीगाबाईट होती है।

इससे वातावरण में हिमकणों तथा पानी के कणों के बारे में सटीक जानकारी प्राप्त होती है। यह तूफान के आने की सटीक भविष्यवाणी भी कर सकता है। इस तरह मौसम में होने वाले आकस्मिक परिवर्तन का सही पूर्वानुमान प्राप्त होता है। इस अवसर पर कृषि महाविद्यालय रायपुर के अधिष्ठाता डॉ. जी.के. दास, कृषि मौसम विज्ञान संकाय के विभागाध्यक्ष डॉ. के.एल. नंदेहा तथा भारत मौसम विज्ञान विभाग के अनेक वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।