Stones Pelted On Union Minister's Convoy In Buxar- लोगों ने कार तक दौड़ाया, सुरक्षाबलों ने सुरक्षित पहुंचाया
Stones Pelted On Union Minister's Convoy In Buxar- लोगों ने कार तक दौड़ाया, सुरक्षाबलों ने सुरक्षित पहुंचाया

टीआरपी डेस्क

बक्सर। केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे को बिहार के बक्सर में प्रदर्शन स्थल से भागना पड़ा, जब किसानों ने उनके काफिले पर पथराव कर दिया।

इलाके के सांसद और केंद्रीय राज्य मंत्री चौबे को विरोध स्थल पर पहुंचने के बाद, आंदोलनकारी किसानों के कड़े प्रतिरोध का सामना करना पड़ा, जिन्होंने उन पर और उनके काफिले पर पथराव किया। हालात यहां तक पहुंच गए कि चौबे को खुद को बचाने के लिए जल्दबाजी में वहां से जाना पड़ा। पुलिस ने उन्हें बचाया और उनकी कार तक पहुंचाया।

दो दिन पहले हुआ था बवाल

थर्मल पावर कंपनी द्वारा चौसा प्रखंड के बनारपुर गांव में उनकी जमीनों का अधिग्रहण किए जाने के बाद नए सर्किल रेट के अनुसार मुआवजे की मांग को लेकर किसान पिछले 86 दिनों से विरोध कर रहे हैं। रात में पुलिस की कार्रवाई के बाद, जहां कथित रूप से महिलाओं और बच्चों को भी निशाना बनाया गया, किसानों ने बुधवार सुबह आधा दर्जन पुलिस वैन सहित 20 से अधिक वाहनों को आग के हवाले कर दिया।

चौसा में पुलिसिया लाठीचार्ज और बर्बरता ने सियासी रूप धारण कर लिया है। ऐसे मे बीजेपी सांसद और केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे बक्सर के चौसा पहुंचे जहां उन्होंने पीड़ित किसानों की मरहम लगाने का काम किया, लेकिन इसी बीच कुछ किसान उनकी मौजूदगी से भड़क गए केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे के खिलाफ मुर्दाबाद के नारे लगने लगे, और पत्थरबाजी भी करने लगे। इस दौरान अश्विनी चौबे को उल्टे पांव लौटना पड़ा। केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे को उनके सुरक्षा गार्डों ने प्रोटेक्शन देते हुए उन्हें उनकी कार तक पहुंचाया।

उपेक्षा के चलते नाराज थे ग्रामीण

किसान पिछले 86 दिनों से थर्मल पावर कंपनी के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे थे। चौबे स्थानीय सांसद होने के बावजूद बनारपुर गांव नहीं गए, ग्रामीण इस बात को लेकर नाराज थे। बताया जाता है कि मीडिया कर्मियों से बात करते हुए अश्विनी चौबे कह रहे थे कि लाठीचार्ज करने वाले पुलिसकर्मियों को सरकार से बर्खास्त करने कि मांग कर रहे थे। इसी बीच जब उनसे किसी ने पूछा कि आंदोलन तो पहले से चल रहा था लाठीचार्ज के पहले आप 88 दिन से कहां थे? इसी सवाल पर अश्विनी चौबे असहज हो गए।

लोगों का गुस्सा इस बात का था कि मुद्दा पुराना होने के बावजूद किसी भी पार्टी की ओर से किसानों की समस्या को समय रहते सुलझाया नहीं गया। बक्सर के चौसा में एसजेवीएन द्वारा पावर प्लांट के लिए भूमि अधिग्रहण किया गया था। 2010-11 में ही उसवक्त के समय के अनुसार भुगतान किया गया था। हालांकि कंपनी 2022 में किसानों की जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू किया। अब किसान वर्तमान दर के अनुसार मुआवजे की मांग कर रहे हैं।

बता दें कि पुलिस द्वारा ग्रामीणों के साथ किये गए बर्बर व्यवहार को लेकर मुफ्फसिल थानाध्यक्ष अमित कुमार के साथ लगभग 10 पुलिस जवान लाइन हाजिर कर दिया गया है। देखिये नाराज़ भीड़ का वीडियो…