भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (CCI) के जुर्माने के बाद सुप्रीम कोर्ट से भी गूगल को बड़ा झटका मिला है। सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को नेशनल कंपनी लॉ अपीलेट ट्रिब्यूनल (NCLAT) के गूगल द्वारा 10 फीसदी जुर्माना जमा करने के अंतरिम आदेश में हस्तक्षेप करने से इंकार कर दिया। साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने गूगल की याचिका को ट्रिब्यूनल को वापस भेज दिया और 31 मार्च तक मामले का फैसला करने को कहा है।

सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को गूगल की 1,337 करोड़ रुपये के जुर्माने के खिलाफ दायर की गई याचिका पर सुनवाई की। सुप्रीम कोर्ट ने NCLAT के आदेश का पालन करने के लिए गूगल इंडिया को एक सप्ताह का समय दिया है। मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ और जस्टिस पीएस नरसिम्हा और जे बी पारदीवाला की पीठ ने अमेरिकी फर्म गूगल को भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) द्वारा लगाए गए जुर्माने का 10 प्रतिशत जमा करने के लिए सात दिन का समय दिया है।

बता दें कि कथित तौर पर प्रतिस्पर्धा-विरोधी प्रथाओं के लिए NCLAT ने भारत के प्रतिस्पर्धा आयोग द्वारा लगाए गए 1,337.76 करोड़ रुपये के जुर्माने का 10 फीसदी जमा करने का निर्देश दिया था। यानी कोर्ट के आदेश के अनुसार अब गूगल को एक हफ्ते के अंदर यह जुर्माना जमा कराना होगा। वहीं नेशनल कंपनी लॉ अपीलेट ट्रिब्यूनल को इस मामले पर 31 मार्च तक फैसला करने के लिए कहा गया है।

Google के प्रवक्ता ने इस फैसले पर कहा, ‘हम कल के फैसले की समीक्षा कर रहे हैं जो हमें अंतरिम राहत मिली है वह हमारी अपील के मकसद को तय नहीं करता है। हम अपने उपयोगकर्ताओं और साझेदारों के प्रति प्रतिबद्ध हैं और आगे हम सीसीआई के साथ सहयोग करेंगे।’

यह है पूरा मामला

साल 2022 में गूगल पर Play Store नीतियों के संबंध में अपने वर्चस्व का दुरुपयोग करने के लिए भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (CCI) ने 1,337.76 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया था। भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग ने गूगल पर एंड्रॉयड मोबाइल उपकरण क्षेत्र में अपनी मजबूत स्थिति का दुरुपयोग कर प्रतिस्पर्धा को बाधित करने के लिए यह जुर्माना लगाया था। जिसके बाद गूगल ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया।

राहत नहीं मिलने पर गूगल ने NCLAT से गुहार लगाई थी, जिस पर NCLAT ने अंतरिम राहत देने से इनकार कर दिया था। आयोग ने अपने आदेश में गूगल को अनुचित कारोबारी गतिविधियां बंद करने और कामकाज के तरीकों में बदलाव करने का निर्देश भी दिया था। जिसके बाद गूगल ने सुप्रीम कोर्ट में जुर्माने के खिलाफ अपनी याचिका दायर कर जुर्माने पर अंतरिम रोक लगाने की मांग की थी।