क्वांटीफायबल डेटा देना जरूरी नहीं, राज्यपाल हस्ताक्षर करें या फिर विधेयक लौटा दें- सीएम बघेल

रायपुर। छत्तीसगढ़ में आरक्षण को लेकर अब भी तकरार जारी है। राज्यपाल द्वारा मार्च माह तक रूकने के बयान पर अब सरकार और राजभवन के भी गतिरोध और भी बढ़ गया है। इस मामले में बुधवार को सीएम भूपेश बघेल ने पुनः प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा है कि राज्यपाल हस्ताक्षर करें या फिर विधेयक वापस लौटा दें।

क्या है मामला

बता दें कि रजभव ने कल एक बयान जारी किया जिसमें कहा गया था कि क्वांटीफायल डेटा अभी तक सरकार ने उपलब्ध नहीं कराया है। इस पर सीएम ने जवाब में कहा कि क्वांटीफायबल डेटा देना जरूरी नहीं है। क्वांटिफायबल डाटा देना कोई जरूरी नहीं है, जो बिल विधानसभा का है। उसमें आर्टिकल 200 हिसाब से उसमें फैसले होंगे या तो हस्ताक्षर करें या तो वापस करें।

उन्होंने आगे कहा कि जितना जल्दी हो सके हस्ताक्षर करें। बता दें कि 2 दिसंबर को यह फैसला विधानसभा में पारित किया गया था। सीएम ने कहा कि आज 25 जनवरी है कितने दिनों तक विधेयक लटका कर रखेंगे। अधिकारों का दुरुपयोग नहीं होना चाहिए।

मतलब उसमें यह भी लिखा है कि जितना जल्दी हो सके उसमें हस्ताक्षर करें । 2 दिसंबर का यह विधानसभा का फैसला है। आज 25 जनवरी हो गया, कितने दिनों तक लटका कर रखेंगे, अधिकारों का दुरुपयोग नहीं होना चाहिए।

पत्रकारों से चर्चा के दौरान सीएम ने कहा कि जब कर्नाटक में बढ़े आरक्षण बिल पर हस्ताक्षर हो सकता है तो छत्तीसगढ़ में क्या परेशानी है।

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