BALAUDABAJAR

0 सात माह से चल रही थी मनमानी, कभी-कभी ही स्कूल आते थे शिक्षक

बलौदा बाजार। जिला मुख्यालय से दूर वनांचल में संचालित सरकारी स्कूलों से अजब-किस्से सामने आते हैं, कभी शराबी शिक्षक तो कभी मनचले शिक्षक। इस बार बिलकुल अलग तरह का मामला सामने आया है। जिले में एक ऐसा स्कूल है जहां के शिक्षक (प्रभारी प्रधान पाठक) खुद तो गैरहाजिर रहते थे और अपने बदले में किराये की एक टीचर को रख लिया। मीडिया में जब यह मामला उजागर हुआ तो अब जाकर इस शिक्षक को निलंबित कर दिया गया। विभाग से अपना वेतन पूरा लेने वाला यह शिक्षक उसके बदले में पढ़ाने वाली शिक्षिका को वेतन का एक छोटा सा हिस्सा दिया करते थे।

“आदर्श” स्कूल में हो रहा था ऐसा कृत्य

एक जमाना था जब जिलों में चंद स्कूलों को “आदर्श” नाम दिए जाने की परंपरा थी और ऐसे स्कूलों में पढाई पर विशेष ध्यान दिया था। वर्तमान में ऐसे स्कूलों को “मॉडल स्कूल” भी कहा जाता था। बलौदबाज़ार जिले के कसडोल विकासखण्ड के ग्राम देवरूंग में इसी तरह “आदर्श प्राथमिक शाला” संचालित है, जहां पदस्थ सहायक शिक्षक (एल बी) समीर कुमार मिश्रा प्रभारी प्रधान पाठक की जिम्मेदारी भी संभाल रहे थे। हाल ही में स्थानीय मीडिया में इस बात का खुलासा किया गया कि प्रधान पाठक मिश्रा कभी-कभी ही स्कूल आया करते हैं और अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन करने के नाम पर उन्होंने एक शिक्षिका को किराये पर रखवा दिया था, जो स्कूल में बच्चों को पढ़ाया करती है। यहां दूसरे शिक्षक भी थे मगर मिश्रा के बदले रुपाली सोनी नामक युवती उनकी कक्षाओं में पढ़ाया करती थी।

6 के बदले दे रहे थे 4 हजार

किराए की शिक्षिका रुपाली सोनी ने मीडिया को बताया कि शिक्षक समीर कुमार मिश्रा द्वारा उसे महीने में 6 हजार रुपए देने की बात कह कर स्कूल में पढ़ाने को रखा गया है और मगर वे उसे केवल 4 हजार रुपए ही दे रहे हैं।

BEO ने समझाईश देकर छोड़ा..!

कर्तव्य के प्रति घोर अनुशासनहीनता की श्रेणी में आने वाले इस मामले को विभागीय अधिकारियों ने काफी हलके में लिया। कसडोल ब्लॉक के BEO राधे जायसवाल ने तो मामला मीडिया में आने के बाद भी शिक्षक समीर कुमार मिश्रा को केवल चेतावनी देकर ही छोड़ दिया। मगर जब मामला परवान चढ़ा तब जिले के कलेक्टर रजत बंसल ने
मिडिया के माध्यम से मिली शिकायतों और जांच के आधार पर कार्रवाई आदेश दिया। जिसके बाद जिला शिक्षा अधिकारी सीएस ध्रुव ने ग्राम देवरूंग के प्राथमिक शाला में पदस्थ सहायक शिक्षक एलबी समीर कुमार मिश्रा को तत्काल प्रभाव से निलंबित करने का आदेश जारी कर दिया।

बीते 7 माह से चल रहा था यह खेल

शिक्षक समीर मिश्रा विगत 7 माह से किराये की शिक्षक की सेवाएं ले रहा था। इस बीच वह कभी-कभी ही स्कूल आया करता था। चूंकि वह खुद ही प्रभारी प्रधान पाठक था इसलिए इसकी शिकायत उनके अधीनस्थ शिक्षकों ने नहीं की और मामला दबा रहा। मगर सवाल यह उठता है कि बीते 7 महीने से यह मनमानी चल रही थी और इलाके के संकुल शिक्षक और खंड शिक्षाधिकारी तक यह बात कैसे नहीं पहुंची। वास्तविकता तो यह है कि इस तरह के कृत्य की जानकारी अधिकारियों को भी होती है मगर वे भी शिक्षक के वेतन का कुछ हिस्सा लेकर चुप रह जाते हैं। जांच के दौरान किराए की शिक्षिका द्वारा अध्यापन कार्य किये जाने की पुष्टि के बाद यह कार्रवाई की गई, अन्यथा यह मामला भी दबा दिया जाता।

बहरहाल शिक्षक समीर कुमार मिश्रा को निलंबित करने के साथ ही उसे निलंबन अवधि में कार्यालय, विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी बलौदाबाजार में अटैच कर दिया गया है। कायदे से प्रदेश के दूरस्थ वनांचल स्थित सरकारी स्कूलों की नियमित मॉनिटरिंग होनी चाहिये, अन्यथा किराये के टीचर रखने की परम्परा इसी तरह बदस्तूर जारी रहेगी

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