The Governor Has Not Returned The Reservation Bill- अन्ततः राजभवन ने आरक्षण विधेयक वापसी की खबर को बताया भ्रामक
The Governor Has Not Returned The Reservation Bill- अन्ततः राजभवन ने आरक्षण विधेयक वापसी की खबर को बताया भ्रामक

टीआरपी डेस्क

हाईकोर्ट द्वारा राज्यपाल के सचिवालय को नोटिस जारी करने के मामले में राजभवन ने स्थिति स्पष्ट की है। जिसमे राजभवन ने बताया है कि उन्हें हाई कोर्ट राज्यपाल को नोटिस जारी नही कर सकता। राजभवन से जारी पत्र में स्पष्ट किया गया है कि न्यायालय द्वारा राज्यपाल को या राष्ट्रपति को नोटिस जारी करने के संबंध में प्रतिबंध लगाया गया है। और इस प्रतिबंध के कारण न्यायालय राष्ट्रपति व राज्यपाल को कोई शपथ पत्र प्रस्तुत करने के लिए निर्देश नहीं दे सकती।

इसके लिए राज्यपाल एवं राष्ट्रपति को अनुच्छेद 361(1) के तहत दी गई उन्मुक्ति पूर्ण है। इसलिए राष्ट्रपति व राज्यपाल को नोटिस जारी कर जवाब देने का निर्देश न्यायालय नहीं दे सकता है। यहां तक कि दुर्भावना पूर्वक किए गए कार्य के आरोप के लिए भी राष्ट्रपति व राज्यपाल को नोटिस भी जारी नहीं किया जा सकता है।

राजभवन से जारी नोट में बताया गया है कि, सुप्रीम कोर्ट में 5 जजों की संविधान पीठ ने रामेश्वर प्रसाद एवं अन्य बनाम यूनियन ऑफ इंडिया एवं एक अन्य मामले में फैसला देते हुए न्यायदृष्टांत प्रतिपादित किया था कि संविधान के अनुच्छेद 361 के तहत राष्ट्रपति या राज्यपाल को नोटिस जारी करने पर पूर्णतः रोक है, क्योंकि वह किसी न्यायालय के प्रति जवाब देह नहीं है। राजभवन से जारी पत्र में आगे बताया गया है कि यह सही है कि राज्यपाल मंत्रिपरिषद की सहायता एवं सलाह से कार्य करता है। राज्यपाल द्वारा किए गए कार्यों को न्यायालय में चुनौती दी जा सकती है, लेकिन यदि ऐसी कोई चुनौती दी जाती है राज्य सरकार या केंद्र सरकार ही राज्यपाल के प्रतिरक्षा करेगा। राजभवन के पत्र के अनुसार यह मतलब निकाला जा सकता है कि यदि राज्यपाल के खिलाफ याचिका लगी तो याचिका में राज्य सरकार को ही राज्यपाल की प्रतिरक्षा करनी है।