JANPAD KORBA

कोरबा। जनपद पंचायत काेरबा में शासकीय राशि गबन किये जाने के मामले में जिला पंचायत CEO की टीम के द्वारा जांच की गई, जिसके प्रतिवेदन के आधार पर थाना सिविल लाइन, रामपुर में जनपद पंचायत कोरबा के CEO गोपाल कृष्ण मिश्रा व बाबू सुरेश पाण्डेय के विरूद्ध FIR दर्ज किया गया है।

कुछ समय पूर्व ही कोरबा जनपद CEO के खिलाफ आर्थिक गड़बड़ी की शिकायत हुई थी। जिसकी जांच मुख्य कार्यापालन अधिकारी, जिला पंचायत कोरबा एवं जिला कोषालय अधिकारी कोरबा की संयुक्त समिति द्वारा की गई। जांच के दौरान खुलासा हुआ कि शासकीय मद के साढ़े 3 लाख रूपये को कपटपूर्ण तरीके से गबन कर गंभीर वित्तीय अनियमितता की गई है। बताया जा रहा है कि रूपये निकाले जाने का मामला उजागर होने के बाद CEO और बाबू ने उसे संबंधित खाते में जमा भी करा दिया था।

सहायक आयुक्त ने कराया FIR

जांच प्रतिवेदन के आधार पर आदिवासी विकास विभाग, कोरबा की सहायक आयुक्त माया वारियार ने स्वयं के द्वारा हस्ताक्षरित शिकायत पत्र देकर अपने विभाग के क्षेत्र संयोजक राधेश्याम मिर्झा काे जनपद पंचायत सीईओ गोपाल कृष्ण मिश्रा (जीके मिश्रा) एवं बाबू सुरेश पाण्डेय सहायक ग्रेड -02 के विरूद्व FIR दर्ज कराने के लिए थाना सिविल लाईन रामपुर भेजा, जिसके बाद यह FIR दर्ज किया गया।

जनपद बना राजनीति का अखाड़ा

कोरबा जनपद का कार्यालय बीते कुछ समय से राजनीति का अखाडा बन गया है। यहां एक दूसरे के खिलाफ शिकवा-शिकायतें और वर्चस्व कायम करने को लेकर विवाद हो रहे हैं। जनपद CEO जी के मिश्रा एक ही मामले में दो बार सस्पेंड किये जाने के खलाफ हाई कोर्ट से स्टे लेकर आये। उन्हें कुर्सी संभाले कुछ ही समय बीता था कि इस बीच यहां की महिला जनपद उपाध्यक्ष कौशल्या देवी वैष्णव द्वारा जिला प्रशासन से जीके मिश्रा के खिलाफ वित्तीय अनियमितता की शिकायत कर दी गई। इसी दौरान कोरबा जनपद के सदस्यों ने जनपद उपाध्यक्ष कौशल्या देवी के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश कर दिया। उधर जीके मिश्रा ने जिला पंचायत कोरबा के CEO नूतन कंवर के खिलाफ प्रताड़ित किये जाने की शिकायत कलेक्टर से कर दी और कह दिया कि कंवर द्वारा द्वेषवश उन्हें फंसाया जा रहा है। इस तरह के आरोप-प्रत्यारोप के बीच जनपद CEO जीके मिश्रा एवं बाबू सुरेश पाण्डेय सहायक ग्रेड -02 के विरूद्व प्रशासन ने FIR दर्ज करा दी है।

– CEO जीके मिश्रा द्वारा की गई शिकायत

9 फ़रवरी को उपाध्यक्ष के भाग्य का है फैसला

इस पूरे घटनाक्रम के केंद्र बिंदू में जनपद उपाध्यक्ष कौशल्या देवी वैष्णव और उसके बेटे की भूमिका प्रमुख मानी जा रही है, जिसके खिलाफ जनपद सदस्यों ने अविश्वास प्रस्ताव पेश किया है और इस पर फैसला 9 फरवरी को प्रस्तावित सम्मिलन में होगा।

– जनपद अध्यक्ष हरेश कंवर – जनपद उपाध्यक्ष कौशल्या देवी वैष्णव

बताया जा रहा है कि अधिकांश सदस्य कौशल्या देवी के खिलाफ हैं। अब इससे बचाव के लिए उपाध्यक्ष कौशल्या देवी वैष्णव ने जनपद अध्यक्ष हरेश कंवर के खिलाफ तमाम आरोप लगाते हुए शिकायत कर दी है, वहीं हरेश कंवर ने भी कौशल्या देवी वैष्णव के खिलाफ कलेक्टर से लिखित शिकायत की है और कहा है कि खुद को अविश्वास प्रस्ताव से बचाने के लिए कौशल्या देवी वैष्णव ने यह षड्यंत्र रचा है। कुल मिलाकर कोरबा जनपद का कार्यालय “Dirty Politics” में उलझ कर रह गया है, जिसका असर यहां की ग्राम पंचायतों के विकास कार्यों पर पड़ना लाजिमी है।

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