CHHOTA HAATHI

जशपुर नगर। छत्तीसगढ़ के तपकरा रेंज में भटक रहे हाथी शावक की मौत हो गई। वन विभाग का कहना है कि उड़ीसा के अभ्यारण्य में आग लगने के बाद हाथी का शावक भटक कर यहां आ गया था।

चोट के चलते संक्रमण का हुआ शिकार

तीन दिन पहले हाथी का एक बच्चा उड़ीसा में अपने दल से बिछड़ गया था और भटकते हुए तपकरा के मृग खोल गांव के आसपास मंडरा रहा था। उसकी स्थिति नाजुक थी। कमजोरी के कारण ठीक तरह से चल भी नहीं पा रहा था। यह देखकर ग्रामीणों ने तुरंत वन विभाग को सूचना दी। वन विभाग की टीम में शामिल चिकित्सकों ने हाथी के बच्चे का परीक्षण किया तो पाया कि उसके जबड़े में गंभीर चोट है। समय पर इलाज नहीं मिलने के कारण उसका संक्रमण शरीर के दूसरे हिस्सों में भी फैल गया है।

वन मंडलाधिकारी जितेंद्र उपाध्याय का कहना है कि हाथी के बच्चे का इलाज कर उसे बचाने की भरसक कोशिश की गई। काफी प्रयास के बावजूद कुछ खा नहीं रहा था। शुक्रवार को उसने दम तोड़ दिया। पोस्टमार्टम के बाद शव को दफना दिया गया है।

वास्तविकता को छिपाने की कोशिश

इलाके से एक जानकारी यह सामने आ रही है कि वन कर्मियों ने हाथी के बच्चे की तस्वीर या वीडियो बनाने पर कानूनी कार्रवाई करने का डर दिखाया था। आलम यह था कि अगर किसी ने तसवीर या वीडियो बना लिया तो मौके पर ही कार्यवाही का डॉ दिखाकर उसे डिलीट करवाया गया। माना जा कि वन विभाग वस्तुस्थिति को छिपाने की कोशिश कर रहा है।

उड़ीसा के जंगलों में सबसे ज्यादा आग

वन्यजीव प्रेमियों का कहना है कि जंगलों में लगी आग और उसको बुझाने में लापरवाही के चलते वन्यजीव भटक रहे हैं, जिसके चलते ऐसी दर्दनाक घटनाएं सामने आ रही हैं। उल्लेखनीय है कि कुछ दिन पहले ही फॉरेस्ट सर्वे आफ इंडिया ने देश के विभिन्न राज्यों के जंगलों में मार्च माह के पहले 12 दिनों में लगी आग पर एक रिपोर्ट जारी की थी, जिसके मुताबिक सबसे खराब स्थिति उड़ीसा की है, जहां 202 स्थानों पर आग लगी हुई है और छत्तीसगढ़ का स्थान मिजोरम के बाद तीसरा है।

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