मुंबई। बागेश्वर धाम के प्रमुख धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के महाराष्ट्र के ठाणे जिले में मीरा रोड पर आयोजित कार्यक्रम को लेकर अंधविश्वास विरोधी संगठनों और विपक्षी दलों की आपत्तियों के बीच, पुलिस ने आयोजकों से यह सुनिश्चित करने को कहा कि शास्त्री ऐसा कोई विवादित बयान नहीं देंगे, जिससे कानून-व्यवस्था बिगड़ने की आशंका हो। एक अधिकारी ने आज यह जानकारी दी। शास्त्री का दो दिवसीय कार्यक्रम शनिवार को मीरा रोड के सालासर सेंट्रल पार्क मैदान में शुरू हुआ। पुलिस ने बताया कि शनिवार को शास्त्री के 4 घंटे के प्रवचन के दौरान करीब 36 महिलाओं ने शिकायत की कि उनकी सोने की चेन जेबकतरों ने चुरा लीं।

मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले में बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर शास्त्री के धार्मिक प्रवचन का आयोजन शांताबेन मीठालाल जैन चैरिटेबल ट्रस्ट ने किया है। यह कार्यक्रम भी इसी स्थल पर आयोजित होगा। बागेश्वर धाम सरकार के नाम से लोकप्रिय शास्त्री के मध्य प्रदेश के साथ-साथ देश के अन्य हिस्सों में भी बड़ी संख्या में अनुयायी हैं। महाराष्ट्र के तर्कवादी श्याम मानव ने कुछ महीने पहले उन्हें अपने चमत्कार साबित करने की चुनौती दी थी।
धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के दो दिवसीय कार्यक्रम का कुछ अंधविश्वास विरोधी संगठनों ने विरोध किया है।

इन समूहों ने शुक्रवार को स्थानीय पुलिस को ज्ञापन सौंपकर कार्यक्रम की अनुमति नहीं देने का अनुरोध किया था। अंधविश्वास विरोधी संगठनों के विरोध को देखते हुए स्थानीय पुलिस ने शनिवार दोपहर आयोजकों को नोटिस जारी कर यह सुनिश्चित करने को कहा कि शास्त्री कार्यक्रम के दौरान किसी तरह की भड़काऊ टिप्पणी न करें।

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी  के नेता एवं विधायक जितेंद्र आव्हाड ने एक ट्वीट में कहा कि महाराष्ट्र में संत तुकाराम महाराज का अपमान करने वाले व्यक्ति का प्रवचन होना दुर्भाग्य की बात है। कांग्रेस की महाराष्ट्र इकाई के प्रमुख नाना पटोले ने हाल ही में राज्य सरकार को पत्र लिखकर आग्रह किया था कि शास्त्री को राज्य में प्रवेश करने की अनुमति न दी जाए। कांग्रेस नेता ने उन पर तुकाराम महाराज का अपमान करने और उनके लाखों भक्तों को नाराज करने का आरोप लगाया था। बागेश्वर धाम के प्रमुख ने शनिवार को अपने कार्यक्रम के दौरान कहा था कि धर्म का विरोध करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। उन्होंने कहा था कि पूरे भारत को भगवान राम का भारत बनाया जाएगा। मैं जानता हूं कि वे मुझे नहीं बख्शेंगे, लेकिन हम भी उन्हें नहीं बख्शेंगे।