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रायपुर। छत्तीसगढ़ में गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं दूरस्थ क्षेत्रों तक भी पहुंच रही हैं। केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने उत्कृष्ट स्वास्थ्य सेवा और मरीजों को बेहतर इलाज उपलब्ध कराने वाले राज्य के चार और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों को राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक (NQAS – National Quality Assurance Standard) प्रमाण-पत्र प्रदान किया है।

इनमें सुकमा और बीजापुर के भी दो प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र शामिल हैं। केन्द्र सरकार ने राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानकों पर खरे उतरने वाले सुकमा जिले के गादीरास प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, बीजापुर के कुटरू प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, सरगुजा के रघुनाथपुर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और राजनांदगांव के शंकरपुर शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र को एनक्यूएएस प्रमाण-पत्र से नवाजा है।

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और स्वास्थ्य मंत्री टी.एस. सिंहदेव ने समर्पित स्वास्थ्य सेवाओं के लिए उत्कृष्टता प्रमाण-पत्र हासिल करने वाले इन सभी अस्पतालों के डॉक्टरों और अन्य मेडिकल स्टॉफ को बधाई दी है। उन्होंने भरोसा जताया है कि ये अस्पताल आगे भी अपनी उत्कृष्टता बरकरार रखते हुए मरीजों की सेवा करेंगे और प्रदेश के दूसरे अस्पतालों के लिए नए प्रतिमान स्थापित करेंगे। कुटरू और गादीरास जैसे दूरस्थ अंचलों में स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों को राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक प्रमाण-पत्र मिलना इस बात का संकेत है कि राज्य में गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सुविधाएं सभी क्षेत्रों तक पहुंच रही हैं।

केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की टीम ने इस साल जनवरी में इन चारों प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में मरीजों के लिए उपलब्ध सेवाओं की गुणवत्ता का परीक्षण किया था। टीम ने इस संबंध में मरीजों से भी फीडबैक लिया था। टीम के मूल्यांकन में शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र शंकरपुर, राजनांदगांव को 82 प्रतिशत, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र रघुनाथपुर को 84 प्रतिशत, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र कुटरू को 83 प्रतिशत और प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र गादीरास को 83 प्रतिशत अंक प्राप्त हुए। केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की टीम ने राजनांदगांव के शंकरपुर शहरी पीएचसी में ड्रेसिंग रूम व इमरजेंसी, टीकाकरण, संचारी रोग, आउटरीच, फॉर्मेसी, लैब, सामान्य प्रशासन, गैर-संचारी रोग, परिवार नियोजन, नवजात एवं शिशु स्वास्थ्य, मातृत्व स्वास्थ्य और जनरल क्लिनिक जैसी सेवाओं का मूल्यांकन किया था। वहीं कुटरू, गादीरास और रघुनाथपुर की पीएचसी में ओपीडी, लैब, लेबर रूम, आईपीडी, राष्ट्रीय स्वास्थ्य कार्यक्रम और सामान्य प्रशासन का मूल्यांकन किया था।

उल्लेखनीय है कि राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक प्रमाण-पत्र प्रदान करने के पूर्व विशेषज्ञों की टीम द्वारा अस्पताल की सेवाओं और संतुष्टि स्तर का विभिन्न मानकों पर परीक्षण किया जाता है। इनमें उपलब्ध सेवाएं, मरीजों के अधिकार, इनपुट, सपोर्ट सर्विसेस, क्लिनिकल सर्विसेस, इन्फेक्शन कंट्रोल, गुणवत्ता प्रबंधन और आउटकम जैसे पैरामीटर शामिल हैं। इन कड़े मानकों पर खरा उतरने वाले अस्पतालों को ही केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा गुणवत्ता प्रमाण-पत्र जारी किए जाते हैं।

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