टीआरपी डेस्क। छत्तीसगढ़ के बलौदाबाजार जिले से एक बड़ी खबर सामने आ रही है। कसडोल विधायक शकुंतला साहू के खिलाफ पूरे प्रदेश के तहसीलदार लामबंद हो गए है। मिली जानकारी के अनुसार विधायक की धमकी के बाद पूरे प्रदेश के तहसीलदार ने लामबंद का फैसला लिया है। साथ ही विधायक की धमकी पर निंदा प्रस्ताव पारित किया है।

तहसीलदारों ने मांग पूरी ना होने कि स्थिती में 19 अप्रैल से आंदोलन की चेतावनी दी है। बीते दिनों विधायक के निजी हाइवा के खिलाफ कार्रवाई की गई थी। इस कार्रवाई के बाद कसडोल विधायक शकुंतला साहू भड़क गई और तहसीलदार का ट्रांसफर कुछ ही घंटो के भीतर करवा दिया। अब इस पर सरकारी अमला नाराज़ हो गया क्योंकि अमले और तहसीलदार का दावा है कि कार्रवाई सही हुई, तो ट्रांसफ़र सजा बतौर क्यों।

मसला क्या हुआ है

पलारी तहसीलदार नीलमणि दुबे ने अवैध रेत उत्खनन मामले में कार्रवाई की थी। यह कार्रवाई तब हुई जबकि तहसीलदार नीलमणि दुबे मोहान गांव में नदी के बहाव के कारण किसानों की जमीन के क्षरण मसले पर निरीक्षण में गए हुए थे। वापसी के दौरान रास्ते पर एक रेत से भरी हाइवा दिखी, जब हाइवा की रॉयल्टी की जांच की गई तो उसमे परिवहन हो रहे रेत को अवैध पाया गया। जिस पर कार्रवाई कर हाइवा को माइनिंग विभाग सुपुर्द कर दिया गया।लेकिन इस कार्रवाई से विधायक शकुंतला साहू बुरी तरह नाराज़ हो गईं। तहसीलदार का कहना है कि  कार्रवाई के बाद विधायक मैडम बहुत गुस्से में थीं, और विधायक शकुंतला साहू ने कहा कि तीन घंटे के भीतर ट्रांसफर करा दूंगी और  उसके बाद दो-तीन घंटे में ट्रांसफर लेटर प्राप्त भी हो गया। बता दें कि ऐसा पहली बार नहीं है जब विधायक शकुंतला साहू विवादों में आई हों, इससे पहले भी विवादों में उनका नाम आते रहा है।

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