Big news- Adani Out Of Smart Meter Scheme - योजना से अडानी आउट, टाटा और जीनस को मिला काम
Big news- Adani Out Of Smart Meter Scheme - योजना से अडानी आउट, टाटा और जीनस को मिला काम

विशेष संवादाता

रायपुर। अपने राज्य में स्मार्ट मीटर योजना के चार हजार करोड़ के टेंडर में अडानी ग्रुप से तीन हिस्सों में किए गए टेंडर में सभी में अपनी निविदा भरी थी। इसका रेट बीड खुला तो अडानी कंपनी तीन ग्रुप से आउट हो गई। रायपुर संभाग में जहां टाटा एन वन है, वहीं बिलासपुर-अंबिकापुर संभाग में जीनस कंपनी एल वन आई है। दुर्ग-बस्तर संभाग में एक मात्र कंपनी अडानी के पात्र होने के कारण नियम से एक कंपनी होने के कारण टेंडर को रद्द करके री-टेंडर करने का फैसला किया गया है। अब पॉवर हिसाब लगाने के बाद जानकारी का खुलासा करेगी कि उसको कितनी ईएमआई ठेका लेने वाली कंपनी को देनी होगी।

केंद्र सरकार ने सभी राज्यों में स्मार्ट मीटर लगाने की योजना बनाई है। इसके लिए केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण को नियम बनाने का काम सौंपा गया है। प्राधिकरण ने तय किया है कि हर वर्ग के उपभोक्ताओं के मीटर बदले जाएंगे और सारे मीटर पोस्टपेड से बदलकर प्रीपेड हो जाएंगे। ऐसे में राज्य के 20 लाख बीपीएल वर्ग के उपभोक्ताओं के भी मीटर बदले जाएंगे, जबकि इसकी खपत सौ यूनिट से ज्यादा नहीं होती है। प्रदेश सरकार ने इनके मीटर न बदलने का आग्रह केंद्र सरकार से किया था, लेकिन इसको नहीं माना गया।

टाटा को 16 सौ करोड़ का काम

पाॅवर कंपनी ने चार हजार करोड़ का काम होने के कारण तीन हिस्सों में टेंडर किया था। रायपुर संभाग बड़ा होने के कारण उसको अलग संभाग रखा गया और इसका टेंडर 16 सौ करोड़ का किया गया। रायपुर में चार कंपनियों ने निविदा भरी थी, लेकिन एक कंपनी की क्षमता न होने के कारण बाहर कर दिया गया। तीन कंपनियों का रेट बीड खोला गया जिसमें टाटा कंपनी एल वन आई है। इसके बाद दुर्ग संभाग के साथ बस्तर संभाग को मिलाया गया है। इसका टेंडर भी 16 सौ करोड़ का किया गया था। इसमें रेट बीड में एकमात्र अडानी के होने के कारण इसका टेंडर रद्द कर दिया गया है। बिलासपुर और अंबिकापुर संभाग का आठ सौ करोड़ का टेंडर है। इसमें दो कंपनियां होने पर इसका रेट बीड खोला गया और हाई प्रिंट (जीनस) कंपनी इसमें एल वन आई है। अडानी इसमें दूसरे नंबर पर है।

सरकारी विभागों में पहले लगेंगे

टेंडर फाइनल होने के बाद अब सबसे पहले स्मार्ट मीटर सरकारी विभागों के साथ बड़े व्यापारिक संस्थानों और फिर छोटे व्यापारिक संस्थानों में लगेंगे। इसके बाद घरेलू उपभोक्ताओं का नंबर आएगा। योजना से एक तो एचटी वर्ग के उद्योगों और कृषि पंपों को अलग रखा गया है। एचटी वर्ग में स्मार्ट मीटर लगने से कनेक्शन को कट करना संभव नहीं होगा, इसलिए इनको अलग रखा गया है। योजना में सभी मीटर प्रीपेड ही होंगे।