रायपुर। राजधानी रायपुर के प्रमुख गार्डनों में बुजुर्गों के मनोरंजन के लिए बनाए गए बापू की कुटिया प्रसाशनिक उदासीनता के चलते असामाजिक तत्वों का अड्डा बन गई है। यहां बुजुर्गों के मनोरंजन के लिए टीवी, इनडोर गेम और पढ़ने के लिए किताबें और अखबार पत्र-पत्रिकाएं जैसी सुविधाएं भी देनी थी, लेकिन बुजुर्गों को इन सुविधाओं का लाभ अब तक नहीं मिल सका है जिसके कारण बुजुर्गों का बापू की कुटिया से मोहभंग हो गया है और वे अब मनोरंजन के लिए बापू की कुटिया नहीं आते। 

बापू की कुटिया असामाजिक तत्वों व शराबियों के लिए शराब सेवन का अड्डा बनकर रह गई हैं। कहीं पर कुटिया धूल खा रही है, तो कहीं यह शराबियों का अड्डा बन हई है। नगर निगम-रायपुर स्मार्ट सिटी द्वारा करीब पांच साल पहले शहर के गार्डनों में इसकी शुरुआत की गई थी। हर एक कुटिया पर करीब डेढ़ लाख खर्च केवल निर्माण में खर्च किए गए थे। इसके अलावा फर्नीचर, कुर्सियां, टीवी जैसे सामान पर प्रति कुटिया डेढ़ लाख रुपए से अधिक का खर्च और भी किया गया, लेकिन कुछ जगहों को छोड़कर शहर के अधिकांश पार्क में बापू की कुटिया बदहाल पड़ी है। बुजुर्ग इसका इस्तेमाल भी नहीं कर पा रहे हैं। 2018 में बापू की कुटिया बनाने की योजना आई थी।

शाम होते ही यहां छलकते हैं जाम

यहां की कुटिया में गार्डन में काम करने वाले मजदूरों ने डेरा जमा लिया है। कुटिया के अंदर गंदगी भरी पड़ी हैं। शराब की कई बोतलें इधर-उधर पड़ी हुई हैं। साथ ही जगह-जगह पॉलीथीन बैग में बोतलें भरकर रख दी गई हैं। यहां की स्थिति को देखने से लगता ही कि शाम होते ही यह शराबियों का अड्डा बन जाता है।

एम्स के सामने वाली कुटिया से सामान गायब

कुटिया में ताला लटका हुआ है। यह धूल खा रही। कुटिया में बुजुर्गों के मनोरंजन के लिए होने वाले एक भी सामान नहीं है। यहां कुछ महीने पहले डांस क्लास चलता था, जो अब बंद हो गया है। इसके बंद होने से वृद्ध जनों को लाभ नहीं मिल पा रहा है।

अनुपम गार्डन टूटी पड़ी है टेबल और कुर्सियां

कुटिया महीनों से बंद पड़ी है। टेबल-कुर्सियों के साथ खिड़कियां टूटी पड़ी है। धूल जमी हुई है। यहां काम करने वाले एक कर्मचारी ने बताया कि निर्माण के बाद से ही यह बंद पड़ा है। कुछ शरारती तत्वों ने खिड़कियों के कांच और समानों को नुकसान पहुंचाया है।

पंकज गार्डन मनोरंजन का एक भी सामान नहीं

पंकज गार्डन में बनी बापू की कुटिया खुली मिली। यहां मनोरंजन के एक भी सामान नहीं मिले। धूल भरी कुटिया में दो कुर्सियां पड़ी थी। पता चला कि हनुमान जन्मोत्सव के दौरान कुटिया में एक कार्यक्रम हुआ था। इसके अलावा यह ऐसे ही पड़ी रहती है।

यहां-यहां है बापू की कुटिया

कलेक्टोरेट गार्डन, अनुपम गार्डन, चौबे कॉलोनी, नेहरु उद्यान देवेंद्रनगर, सुंदरनगर, तिलकनगर, पुरानी बस्ती, हीरापुर, टैगोरनगर, अमलीडीह, मोतीबाग, टैगोरनगर, कटोरा तालाब के पास, एम्स के सामने, गायत्रीनगर, गांधी उद्यान, तेगबहादुर उद्यान, पासपोर्ट ऑफिस, अनुपमनगर सहित अन्य जगहों पर बापू की कुटिया है।