रायपुर। एसोसिएशन ऑफ़ हेल्थकेयर प्रोवाइडर्स इंडिया (एएचपीआई) की राष्ट्रीय बॉडी की बैठक गत दिनों 13 अप्रैल 2023 को संपन्न हुई जिसमें सभी प्रदेश इकाइयां शामिल हुईं। एएचपीआई छत्तीसगढ़ चैप्टर के अध्यक्ष डॉ. राकेश गुप्ता और महासचिव अतुल सिंघानिया ने बैठक में छत्तीसगढ़ का प्रतिनिधित्व किया।

बैठक में एएचपीआई के राष्ट्रीय डायरेक्टर जनरल डॉ. गिरिधर ज्ञानी ने बताया कि केंद्रीय कर्मचारियों की स्वास्थ्य सुरक्षा संस्था सेंट्रल गवर्नमेंट हेल्थ स्कीम (सीजीएचएस) द्वारा पिछले कई वर्षों से इलाज की दरों की समीक्षा नहीं की गयी थी। अस्पतालों के बढ़ते संचालन व्ययों की वजह से पुरानी दरों पर अस्पतालों को मरीजों का इलाज करना कठिन हो रहा था।

इसके लिए एएचपीआई द्वारा राष्ट्रीय स्तर पर सीजीएचएस से दरों में बढ़ोतरी का अनुरोध किया गया था। एएचपीआई की इस पहल को प्रारंभिक सफलता मिली है। सीजीएचएस द्वारा ओपीडी परामर्श, आईसीयू और वार्ड के बिस्तर शुल्क में वृद्धि कर दी गयी है। हालांकि ऑपरेशन और अन्य चिकित्सकीय प्रोसीजर की दरों के संबंध में अभी स्पष्ट जानकारी प्राप्त नहीं हुई है।

डॉ. गिरिधर ज्ञानी ने यह भी बताया कि एएचपीआई द्वारा एक्स सर्विसमैन कंट्रीब्यूटरी हेल्थ स्कीम (ईसीएचएस) द्वारा अस्पतालों को लंबित भुगतान का विषय भी बहुत जोरशोर से उठाया था और इसके लिए देश के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह तक को पत्र लिखा था। पिछले महीने तक देशभर के अस्पतालों को ईसीएचएस से लगभग 2100 करोड़ रूपए प्राप्त होने थे। एएचपीआई की पहल का सकारात्मक परिणाम आया है। 31 मार्च 2023 तक ईसीएचएस द्वारा पूरे देश के अस्पतालों को उनके लंबित बिलों का लगभग पूरा भुगतान कर दिया गया है।

बैठक में एएचपीआई छत्तीसगढ़ चैप्टर के अध्यक्ष डॉ. राकेश गुप्ता ने बताया कि छत्तीसगढ़ में आयुष्मान योजना के तहत अस्पतालों का काफी भुगतान बकाया था। एएचपीआई छत्तीसगढ़ द्वारा राज्य शासन के संज्ञान में यह विषय लाने पर अस्पतालों को आयुष्मान योजना के तहत किये गए इलाज का पैसा मिलना प्रारंभ हो गया है। साथ ही छत्तीसगढ़ के ईसीएचएस अनुबंधित अस्पतालों को भी उनकी बकाया राशि का लगभग पूरा भुगतान हो गया है।

एएचपीआई छत्तीसगढ़ के सचिव अतुल सिंघानिया ने बताया कि एएचपीआई राष्ट्रीय बॉडी द्वारा एम्स रायपुर में 28 अप्रैल 2023 को एनएबीएच अक्क्रेडिटशन की कार्यशाला आयोजित की गयी है। इस कार्यशाला में डॉ. राकेश गुप्ता विशिष्ट अतिथि एवं वक्ता के रूप में शामिल होंगे। ज्ञात हो कि एनएबीएच अस्पतालों में चिकित्सकीय गुणवत्ता निर्धारित करने की सर्वोच्च संस्था है।

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