sant girftar

रायपुर। नकली सोना देकर लाखों रूपये की ठगी करने वाले अलवर राजस्थान के अंतर्राज्यीय ठग संत आदेश दास उदासी उर्फ भगत सिंह उर्फ भक्ति सिंह को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। शातिर ठग ने राजधानी के एक परिवार से दो साल से परिचय और आपसी विश्वास अर्जित करने के बाद इस वारदात को अंजाम दिया।

थाना डी.डी.नगर में एच आई जी 1/142, सेक्टर 01, डीडीयू नगर,निवासी गोपा शर्मा ने रिपोर्ट दर्ज कराई थी। जिसके मुताबिक गोपा के घर विगत दो वर्षाे से एक साधु संत आदेश दास उदासी आया करते थे। चूंकि वह स्वयं एक सनातनी पौराणिक ब्राम्हण परिवार से है, इसलिए वह घर आये साधु संतो का यथा संभव सम्मान करती थी।

स्वर्गवासी गुरूजी का नाम लेकर की ठगी

संत आदेश दास उदासी, गोपा के उज्जवल भविष्य के लिए सिद्ध किए हुए रूद्राक्ष, तांबे के सिक्के इत्यादि लाकर दिया करते थे। और गोपा भी उन्हें आर्थिक मदद करती थी। इस प्रकार विगत दो वर्षों में संत आदेश दास उदासी ने विश्वास अर्जित कर लिया था। बीते 6 मार्च को संत आदेश दास ने गोपा को फोन कर बोला कि उनके गुरूजी जो 106 वर्ष के थे, उनकी मृत्यु पश्चात छोटे गुरूजी को उनका सोने का आभूषण मिला है, जिन्हें वे गोपा के पास रखवाना चाहते है तथा बदले में आश्रम के जीर्णाेधार के लिए आप तत्काल 15 लाख रूपये नगद दें तो बड़ा आभार होगा। इसके बाद 16 मार्च को भी संत आदेश दास ने मोबाईल फोन पर कहा कि आश्रम में हवन पूजन एवं स्वर्ण आभूषण के शुद्धिकरण हेतु 35 हजार फोन पे के माध्यम से भेज दे। जिस पर गोपा ने रूपए भेज दिए।

18 मार्च को नागपुर बुलाकर आदेश दास उदासी ने गोपा को एक लाल कपड़े में लिपटे दो सोने के बिस्कुट्स दिखाया तथा बताया कि प्रत्येक बिस्कुट लगभग 1-1 किलो के है। जिन्हें हम आपको देना चाहते है कहने पर गोपा ने 15 लाख रूपये देकर दोनों बिस्कुट्स लेकर अपने पति के साथ वापस रायपुर आ गई। दूसरे दिन संत आदेश दास उदासी ने फोन बताया कि 10 दिनों तक उक्त स्वर्ण बिस्कुट की सिद्धि करना है। अतः कपडे से बाहर नहीं खोलना तो गोपा ने वैसे ही किया। उसके बाद संदेह होने पर गोपा ने बिस्कुट की सत्यता का परीक्षण कराया तब ज्ञात हुआ कि वह सोने के नहीं है।

राजस्थान से गिरफ्तार कर लाई पुलिस

गोपा की रिपोर्ट पर थाना डी.डी.नगर में धारा 420, 34 भादवि. का अपराध दर्ज कर साधु की पतासाजी शुरू की गई। पुलिस टीम ने साधु के उपयोग किये गये मोबाईल नंबरों की पड़ताल की तो आरोपी की उपस्थिति गोविंदगढ, अलवर राजस्थान में मिली। इस पर टीम वहां जाकर संत आदेश दास उदासी उर्फ भगत सिंह उर्फ भक्ति सिंह को गिरफ्तार कर लाई। पूछताछ में उसने अपने एक अन्य साथी के साथ मिलकर ठगी करना स्वीकार किया और पुलिस ने संत आदेश दास उदासी से 80 हजार रूपए मोबाईल फोन जप्त किया। एक अन्य फरार आरोपी की तलाश कर रही है।

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