NARAYANPUR 22

नारायणपुर। नारायणपुर शहर सीमा के चारों ओर प्रशासन के द्वारा लगाए गए बेरीकेट्स को लांघकर अंततः आज नारायणपुर में अपनी तीन सूत्रीय मांगो को लेकर अबूझमाड़ के हजारों ग्रामीण मुख्यालय में पहुंचे और कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन। यहां मिले आश्वासन के बाद ग्रामीण वापस अपने घरों के लिए रवाना हुए।

राशन-पानी लेकर पहुंचे ग्रामीण

अबूझमाड़ के नाम से मशहूर नारायणपुर जिले के नक्सल प्रभावित इलाके के हजारों ग्रामीण जल जंगल जमीन की सुरक्षा, मूल पेशा कानून लागू करने और वन अधिकार अधिनियम में हुए बदलाव को निरस्त करने की मांग को लेकर विगत 200 दिनों से अबूझमाड़ के अलग अलग स्थानों पर आंदोलन कर रहे थे। इतने लंबे आंदोलन के बाद भी मांगें पूरी नहीं होने पर ग्रामीणों ने अबूझमाड़ से शहर की ओर कूच किया।

हजारों ग्रामीण कल देर शाम अपने साथ पारंपरिक औजार एवं राशन, खाना पकाने के बर्तन, जलाऊ लकड़ी लेकर पुलिस के बैरिकेट को तोड़ जिला मुख्यालय पहुंचे। ग्रामीणों ने रात को बाजार स्थल में विश्राम कर आज इसी स्थल पर बैठक हेतु एकत्र हुए। जहां ग्रामीणों से मिलने कलेक्टर अजीत वसंत भी पहुंचे और ग्रामीणों से बात की है। कलेक्टर के आश्वासन के बाद सभी ग्रामीण अपने घर वापस लौट गए हैं।

पुलिस पर लगाया प्रताड़ना का आरोप

ग्रामीणों ने ज्ञापन देते वक्त अपनी परेशानी बताते हुये पुलिस पर प्रताड़ित करने का आरोप लगाया है। आपबीती सुनाते हुए एक महिला के आसूं भी छलक पड़े, जिस पर कलेक्टर ने ग्रामीणों को समझाइस दी और उचित कार्यवाही का आश्वासन दिया है।

इस मौके पर ग्रामीणों ने बाकायदा पारम्परिक वस्त्र पहन कर नाच गा कर अपनी व्यथा गाने के माध्यम से रखने की कोशिश की। कलेक्टर के आश्वासन के बाद ग्रामीण वापस घर को लौट गए।

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