टीआरपी डेस्क
बेंगलुरू। कर्नाटक (Karnataka) में कांग्रेस (Congress) की जीत के बाद अब मुख्यमंत्री (Karnataka CM) की कुर्सी को लेकर नेताओं में खींचतान तेज हो गई है। सिद्धारमैया (Siddaramaiah) और डीके शिवकुमार (D. K. Shivakumar) के बाद अब तीसरे दावेदार के तौर पर तुमाकुरु में जी परमेश्वर के नाम को लेकर प्रदर्शन और नारेबाजी शुरू हो गई है। तीसरे दावेदार के नाम सामने आने से भले ही त्रिकोणी मुकाबला है लेकिन अब भी मज़बूत दावेदार के तौर पर सिद्धारमैया ही अव्वल बने हुए हैं।
हालांकि डीके शिवकुमार की लोकप्रियता भी बढ़ी है पर MLA का समर्थन प्रमुख रूप से सिद्धारमैया के पास ही है। ऐसे में तीसरे CM इन वेटिंग के तौर पर परमेश्वर का नाम आने से कांग्रेस के लिए CM चुनना तो आसान कार्य है पर पार्टी में नाराजगी शांत करना उतना सरल नहीं होगा।
वैसे भी कर्नाटका में अपनी शिकस्त के बाद से ही CONGRESS की हर गतिविधि पर नज़र रख रही BJP नाराज़ गुट का लाभ उठा सकती है। इसलिए कांग्रेस के आला औहदेदारों की पेशानी में थोड़ा बल पड़ना लाज़मी है। दिल्ली स्तर के नेताओं ने कांग्रेस अध्यक्ष मलिकार्जुन खरगे और अन्य वरिष्ठों को मुख्यमंत्री के बाद उपमुख्यमंत्री की संभावनाओं पर भी गेम प्लान बनाये रखने की नसीहत दी है।
सीएम पद को लेकर जी परमेश्वर के समर्थकों की यह मांग कांग्रेस नेतृत्व के लिए और परेशानी है। जी परमेश्वर ने कोराटागेरे विधानसभा सीट जीत हासिल की है। परमेश्वर ने साल 2008 में पहली बार इस सीट से चुनाव लड़ा था और साल 2018 में भी वह कांग्रेस-जेडीएस सरकार में उपमुख्यमंत्री बने थे। इसके साथ ही परमेश्वर के नाम राज्य का सबसे लंबे समय तक अध्यक्ष रहने का भी रिकॉर्ड है। बता दें कि जी परमेश्वर ने कृषि में बीएससी और एमएससी की है। इसके साथ उन्होंने कृषि में प्लांट फिजियोलॉजी में पीएचडी उपाधि एडिलेड यूनिवर्सिटी से हासिल की है। साल 1999 में वह पहली बार एसएम कृष्णा कैबिनेट में राज्यमंत्री भी बने थे।