नई दिल्ली।  दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने उन दो मोबाइल फोन को नष्ट करने की बात कबूल की है, जो दिल्ली आबकारी नीति घोटाला मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो द्वारा मांगे गए थे। 22 जुलाई, 2022 को केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सीबीआई को आबकारी घोटाले में जांच शुरू करने का निर्देश दिया था। सूत्रों का दावा है कि उसी दिन से सिसोदिया ने नया मोबाइल फोन इस्तेमाल करना शुरू कर दिया। मामले की जांच के दौरान सीबीआई को पता चला कि सिसोदिया 1 जनवरी 2020 से 19 अगस्त 2022 के बीच तीन अलग-अलग मोबाइल फोन का इस्तेमाल कर रहे थे। 19 अगस्त 2022 को जांच एजेंसी ने तलाशी अभियान चलाया और सिसोदिया के कब्जे से एक ही फोन जब्त किया।


एक सूत्र ने कहा, हमें बाद में पता चला कि सिसोदिया के कब्जे से जब्त किए गए मोबाइल फोन का इस्तेमाल उन्होंने 22 जुलाई 2022 से करना शुरू किया था। यह वह तारीख थी जब गृह मंत्रालय ने हमें आबकारी मामले में जांच शुरू करने का निर्देश दिया था। पूछताछ के दौरान, सिसोदिया ने कथित तौर पर जांच एजेंसी के सामने माना कि उन्होंने दो मोबाइल फोन नष्ट कर दिए थे।

एक सूत्र ने सिसोदिया के हवाले से कहा, इससे पहले, मैं दो सेल फोन इस्तेमाल कर रहा था, जो नष्ट हो गए हैं। सूत्र ने कहा कि दो मोबाइल फोन के मामले में सिसोदिया को सीआरपीसी की धारा 91 का नोटिस भी दिया गया था, और जवाब में, उन्होंने इसे स्वीकार किया। चार्जशीट के हवाले से सूत्र ने कहा, पॉलिसी से संबंधित आपत्तिजनक सबूत वाले हैंडसेट को जानबूझकर नष्ट करना सिसोदिया के खिलाफ एक और गंभीर मामला है। सिसोदिया फिलहाल हिरासत में हैं, और उनकी कई जमानत याचिकाएं अदालत ने खारिज कर दी है।