जयपुर। केंद्र सरकार द्वारा शुक्रवार को  2000 रुपए के नोटों पर प्रतिबंध लगाने के फैसले के बाद काली कमाई कर अवैध रूप से 2000 रुपए के नोट रखने वालों में हड़कंपत मचा हुआ है। पिछले बार की तरह नोटों को बदलने के फिराक में लगे भ्रष्टाचारियों के ठिकानों से नोटों की बरामदगी का सिलसिला भी शुरू हो गया है। जयपुर में राजस्थान सरकार के योजना भवन के तहखाने में एक अलमारी से 2000 और 500 के  2.31 करोड़ रुपये से अधिक की नकदी और एक किलो सोना बरामद किया गया है।

पुलिस ने इस संबंध में योजना भवन के सात कर्मचारियों को हिरासत में लिया है जिनकी तहखाने तक पहुंच थी और वहां के सीसीटीवी फुटेज भी खंगाले जा रहे हैं। विपक्षी भारतीय जनता पार्टी ने इस मुद्दे को लेकर कांग्रेस सरकार पर निशाना साधा है।अधिकारियों के अनुसार, पूरे मामले की जानकारी मुख्यमंत्री को दी गई, जिसके बाद मुख्य सचिव उषा शर्मा, पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) उमेश मिश्रा और जयपुर के पुलिस आयुक्‍त आनंद श्रीवास्तव ने देर रात सचिवालय में संयुक्त प्रेस वार्ता की।श्रीवास्‍तव ने कहा कि जिस तहखाने से नकदी और सोना मिला है, वहां ई-फाइलिंग परियोजना के तहत फाइलों को स्कैन और उनका डिजीटलीकरण किया जा रहा है।

दो अलमारी में ताला लगा था, उनकी चाभी नहीं मिली। जब चाभियां नहीं मिलीं तो आज उन आलमारी के ताले तोड़े गए। उन्होंने कहा कि एक अलमारी में फाइलें मिलीं जबकि दूसरी अलमारी में एक सूटकेस मिला। जब इसे खोला गया तो यह नोटों और सोने से भरा था। इसके बाद कर्मचारियों ने अशोक नगर थाने को सूचना दी। उन्होंने कहा कि नकदी की गिनती की गई, जो 2.31 करोड़ रुपये और सोने का वजन एक किलो था। उन्होंने कहा कि सात कर्मचारियों को हिरासत में लिया गया है और उनसे पूछताछ की जा रही है। पूरे मामले की जांच शुरू हो गई है।पुलिस आयुक्‍त ने जल्द ही पूरे मामले का खुलासा करने का दावा किया है।उन्होंने बताया कि जिस अलमारी से नकदी और सोना बरामद हुआ है वह कई महीनों से बंद पड़ी थी। पुलिस उन कर्मचारियों से पूछताछ करेगी जिनकी तहखाने में अलमारियों तक पहुंच है।


उन्‍होंने कहा कि पैसा किसका है, कैसे आया, इसकी जांच की जा रही है। सीसीटीवी फुटेज खंगाले जा रहे हैं। योजना भवन में करोड़ों रुपये की नकदी मिलने की घटना को लेकर अब भाजपा ने सरकार पर निशाना साधा है। नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने ट्वीट किया कि आखिरकार सचिवालय के पास भ्रष्टाचार की जड़ मिल गई है।राठौर ने कहा कि भ्रष्टाचार की गंगोत्री आखिरकार सचिवालय तक पहुंच ही गई।

राजस्थान सचिवालय जहां मुख्यमंत्री अशोक गहलोत जी बैठकर शासन चलाते हैं, वहां करोड़ों की नकदी और सोना बरामद होना इस बात का प्रमाण है कि गहलोत सरकार भ्रष्टाचार के संरक्षणदाता की भूमिका में है।’’उन्‍होंने कहा, ‘‘दो हजार रुपये के नोट को चलन से बाहर करने का बयान देने वाले मुख्यमंत्री जी आप केवल इतना बता दीजिए कि आपका सचिवालय दो हजार के अनगिनत नोटों को क्यों उगल रहा है ? योजना भवन के सूचना एवं प्रौद्योगिकी विभाग में किन उद्देश्यों को पूरा करने के लिए करोड़ों रुपए छिपाकर रखे गए?