DISMIS ORDER

0 एक वाहन मालिक को भी दी गई है सजा

रायपुर। छह साल पूर्व भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत दर्ज मामले में न्यायालय ने 2 पशु चिकित्सा अधिकारियों को कारावास की सजा सुनाई, जिसके बाद विभाग ने दोनों अधिकारियों को बर्खास्त कर दिया है। इनमें से डॉ. बीएस ध्रुव वर्तमान में उप संचालक गरियाबंद और डॉ. पी एल. सरल कांकेर में पदस्थ रहे हैं।

इस मामले में पशुधन विकास विभाग की उप सचिव तूलिका प्रजापति ने यह आदेश जारी किया है, जिसमे उल्लेख किया गया है कि डॉ० डी. एस. ध्रुव, तत्कालीन उप संचालक, पशु चिकित्सा सेवायें जिला कांकेर (वर्तमान उप संचालक, पशु चिकित्सा सेवाएं, जिला गरियाबंद) एवं डॉ० पी.एल. सरल, पशु चिकित्सा सहायक शल्य कार्यालय उप संचालक, पशु चिकित्सा सेवायें, जिला कांकेर के विरुद्ध आर्थिक अपराध अन्वेषण एवं एंटी करप्शन ब्यूरो, रायपुर, इकाई जगलदपुर में अधारा-420, 419, 467, 468, 471. 120 बी एवं धारा 13 (1)सी. 13 (2) भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत पंजीबद्ध किया गया।

फर्जी व्हाउचर लगाकर की थी हेराफरी

इस संबंध में मिली जानकारी के मुताबिक उप संचालक डॉ० डी. एस. ध्रुव ने कांकेर में पदस्थापना के दौरान विभाग में एक वाहन किराये पर लगाए जाने का उल्लेख करते हुए बिल लगाकर भुगतान लिया था। इसमें जिस वाहन का नंबर उल्लेखित किया गया था, जांच में पता चला कि इसी नंबर की गाड़ी संबंधित काल में पुलिस विभाग में किराये पर चल रही थी। इस मामले की शिकायत EOW /ACB में की गई थी जिसकी जांच में गड़बड़ियां उजागर हो गई। EOW की टीम जब मामले में गिरफ़्तारी के लिए पहुंची तब डॉ० डी. एस. ध्रुव पकड़े गए, वहीं भ्रष्टाचार में उनके सहयोगी डॉ० पी.एल. सरल फरार हो गए थे। तब इस मामले में दोनों अधिकारियों को निलंबित कर दिया गया था।

बता दें कि इसी मामले में संबंधित वाहन की मालिक निशा कदम के खिलाफ भी प्रकरण दर्ज कर उसे भी गिरफ्तार किया गया था, क्योंकि उसने ही अपना बिल व्हाउचर बनाकर उप संचालक को दिया था।

न्यायालय ने दी ये सजा

इस प्रकरण की सुनवाई विशेष न्यायालय भ्रष्टाचार निवारण, कांकेर में हुई, जहां पारित आदेश में अभियुक्तगणों डॉ० डी. एस. ध्रुव, उप संचालक एवं डॉ० पी.एल. सरल दोनों दोषसिद्धि पाये गये। आपराधिक कृत्य एवं अपराध कारित करने की परिस्थिति को देखते हुए दोनों अभियुक्तों को तीन-तीन वर्ष सश्रम कारावास की सजा एवं 1000-1000 रूपये अर्थदण्ड तथा अर्थदण्ड की अदायगी नहीं करने की दशा में एक-एक माह का अतिरिक्त सश्रम कारावास की सजा से दंडित किया गया है। इनके अलावा वाहन मालिक को भी यही सजा सुनाई गई।

सजा के बाद विभाग ने किया बर्खास्त

दोष सिद्धि के बाद न्यायालय द्वारा कारावास की सजा सुनाये जाने के बाद डॉ० डी.एस. ध्रुव एवं डॉ० पी.एल. सरल को छत्तीसगढ़ सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण एवं अपील) नियम 1966 के नियम 10 (f) में निहित प्रावधान अनुसार सेवा से बर्खास्त करने का आदेश जारी किया गया है। हालांकि न्यायलय ने अपना फैसला 29.07.2022 को ही सुना दिया गया, मगर विभाग ने तमाम औपचारिकताएं पूरी करते हुए दोनों की बर्खास्तगी का आदेश आज जारी किया है।

देखें आदेश :

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