नई दिल्ली। चीन की नापाक हरकतों के कारण गलवान घाटी मेे भारत और चीनी सैनिकों के बीच हुई हिंसक झड़प के बाद भारत ने चीन पर कई तरह के व्यापारिक प्रतिबंध लगाए हैं जिसका खामियाजा चीन को भारी आर्थिक नुकसान के रूप में झेलना पड़ रहा है। इसी के परिणामस्वरूप चीन ने भारत के खिलाफ लगातार साजिशें रच रहा है । चीन की चुनौतियों का भारत अब मुहतोड़ जवाब देगा। हिंद महासागर में चीन के बढ़ते मंसूबों का जवाब देने के लिए भारतीय वायुसेना ने अभी से कमर कसनी शुरू कर दी है।

भारतीय वायुसेना के चार राफेल लड़ाकू विमानों ने छह घंटों तक हिंद महासागर के ऊपर एक ‘‘रणनीतिक” अभियान पूरा किया और इस दौरान विमानों ने लंबी दूरी वाली लड़ाकू क्षमताओं को प्रदर्शित किया। अभियान की जानकारी रखने वाले अधिकारियों ने यह जानकरी दी। उन्होंने बताया कि लड़ाकू विमानों ने पूर्वी सेक्टर में हासीमारा वायु सेना अड्डे से उड़ान भरी और विभिन्न युद्धाभ्यास तथा कई अभियान पूरे किए और इच्छित परिणाम पाने के उपरान्त अड्डे पर लौट आए।

भारतीय वायु सेना ने ऐसे वक्त में इस अभियान को अंजाम दिया है जब चीन हिंद महासागर क्षेत्र में अपनी मौजूदगी बढ़ा रहा है, जिसे भारतीय नौसना का ‘बैकयार्ड’ कहा जाता है। अभियान की जानकारी रखने वाले अधिकारियों ने कहा कि चार राफेल विमानों के इस मिशन ने अपनी अभियानगत क्षमताओं तथा चुनौतीपूर्ण स्थितियों से निपटने में अपनी तैयारियों को प्रदर्शित किया। उन्होंने यह नहीं बताया कि यह अभियान कब हुआ, पर कहा ही हाल ही में इसे अंजाम दिया गया।


भारतीय वायु सेना ने भी इस अभियान के संबंध में ट्वीट किया। वायु सेना ने ट्वीट किया कि भारतीय वायु सेना के चार राफेल लंबी दूरी के मिशन पर छह घंटे के लिए आईओआर में गए। विमान अपने ‘वेपन रिलीज प्वाइंट’के रास्ते में भारी बलों की मौजूदगी से निपटते हुए आगे बढ़े। हथियार निशाने पर लगा- जैसा भारतीय वायु सेना करती है।” वायु सेना ने भी अभियान की तारीख के संबंध में कोई जानकारी नहीं दी।