Naxali
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बीजापुर/सुकमा। छत्तीसगढ़ के नक्सलगढ़ बस्तर में फिर पुलिस और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ हुई है। इसमें तीन माओवादी मारे गए हैं, जबकि कई नक्सलियों को गोली लगी है। इस मुठभेड़ में नक्सली कमांडर हिड़मा बच निकला है। वहीं मृतक नक्सलियों के शवों और घायलों को नक्सली अपने साथ लेकर चले गए हैं। पुलिस ने दावा किया है कि फोर्स ने नक्सलियों के बटालियन नंबर-1 को भारी नुकसान पहुंचाया है। इसकी पुष्टि बस्तर के आईजी सुंदरराज पी ने की है। मामला तर्रेम थाना क्षेत्र का है।

मिली जानकारी के अनुसार, जनपितुरी सप्ताह के दौरान सुकमा और बीजापुर जिले की सीमा पर तर्रेम थाना क्षेत्र के छुटवाई के जंगलों में नक्सली कमांडर हिड़मा और उसकी पूरी बटालियन मौजूद थी। इसकी पुख्ता सूचना पुलिस को मिली थी। इस पर बीजापुर से कोबरा और एसटीएफ के जवानों को मौके पर सर्चिंग के लिए भेजा गया।

बुधवार सुबह करीब 10 से 11 बजे के बीच नक्सलियों के साथ जवानों की मुठभेड़ हुई। करीब डेढ़ से दो घंटे तक गोलीबारी हुई। मुठभेड़ में जवानों को भारी पड़ता देख नक्सली भाग निकले। वहीं जब मुठभेड़ रुकी तो जवानों ने इलाके की सर्चिंग की। इसमें कई जगह खून के धब्बे मिले। फिर बुधवार देर शाम जवान लौट आए। बस्तर के आईजी सुंदरराज पी ने दावा किया है कि, मुठभेड़ में पुलिस को कामयाबी मिली है। करीब 2 से 3 नक्सलियों को ढेर किया गया है। कई नक्सलियों को गोली भी लगी है। फोर्स ने हिड़मा की बटालियन नंबर-1 को नुकसान पहुंचाया है। वहीं इस मुठभेड़ में खूंखार नक्सली कमांडर हिड़मा बच निकला है।

माओवादी जून महीने में मनाते हैं जनपितुरी सप्ताह

बताया जा रहा है कि, बस्तर में हर साल माओवादी जून के महीने में जनपितुरी सप्ताह मनाते हैं। इस दौरान वे मारे गए माओवादियों को श्रद्धांजलि देते हैं। बस्तर के अंदरूनी गांवों में सभा का आयोजन कर लोगों को माओवाद संगठन के बारे में बताते हैं।

कौन है नक्सली कमांडर हिड़मा

बस्तर के पूवर्ती गांव का रहने वाला माड़वी हिड़मा गांव के ही प्राथमिक स्कूल में पढ़ाई करता था। उस वक्त इलाके में सक्रिय एक नक्सली ने हिड़मा की एक्टिविटी देख कर उसे नक्सलियों के बाल संघम में भर्ती किया था। हिड़मा की आगे की पढ़ाई नक्सली स्कूल में ही हुई थी। हिड़मा के फुर्तीले शरीर को देखते हुए नक्सलियों ने इसे अपने एलओसी ग्रुप में शामिल किया था। हिड़मा की बनाई योजना में माओवादियों को कई सफलताएं भी मिली। अब वह नक्सलियों की बटालियन नंबर एक का कमांडर है। इस पर 25 लाख रुपए से ज्यादा का इनाम भी है।

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