Why Did Minister Amarjit Give Such A statement - मंत्री ने क्यों कहा:मुझे ज्यादा की चाह नहीं है, मैं थोड़े में ही गुजारा करता हूं
Why Did Minister Amarjit Give Such A statement - मंत्री ने क्यों कहा:मुझे ज्यादा की चाह नहीं है, मैं थोड़े में ही गुजारा करता हूं

विशेष संवादाता

रायपुर। कांग्रेस की प्रदेश प्रभारी कुमारी सेलजा और पीसीसी चीफ मोहन मरकाम समेत मुख्यमंत्री भूपेश बघेल कोशिश कर रहे हैं कि चुनाव से पहले पार्टी नेता एकजुट रहें। कोई गलत बयानबाज़ी या आपस में तंज कसने वाली बातें भी एक दूसरे के लिए नहीं करे। लेकिन अब तक चंद पार्टी नेताओं के रिश्ते में गरमाहट नहीं आई है और पहले जैसे ही ठंडे है। हम बात कर रहे हैं प्रदेश के खाद्य मंत्री अमरजीत भगत के एक चुटीले अंदाज़ में दिए गए बयान की। बिलासपुर दौरे के दौरान मिडिया के सवालों के जवाब में खाद्य मंत्री अमरजीत ने आने वाले समय में कद बढ़ने वाले प्रश्न के जवाब में चुटीले अंदाज में कहा कि मुझे ज्यादा की चाह नहीं है, मैं थोड़े में ही गुजारा करता हूं।

उनके कहने का मतलब यह निकला जा रहा है कि वो CM पद की लालसा नहीं रखते। बता दें कि सरगुजा सम्मलेन के दौरान स्वास्थ्य मंत्री और सरगुजा महाराज टीएस सिंहदेव ने पार्टी नेताओं की उपस्थिति में मंच से खुलकर भड़ास निकला था। जिसे CM भूपेश बघेल ने सराहा था। उस वक्त मंत्री अमरजीत भी उपस्थित थे। बता दें सरगुजा संभाग से ही मंत्री भगत भी आते हैं, लेकिन सिंहदेव से उनकी उतनी अच्छी नहीं बनती जैसी CM भूपेश से है।

मंत्री भगत यहीं नहीं रुके उन्होंने दावा किया है कि विधानसभा चुनाव में सरगुजा संभाग में कांग्रेस भारी वोटों से जीत हासिल करेगी। उन्होंने सिंहदेव-भूपेश बघेल के रिश्तों पर भी जवाब दिया। कहा कि अंबिकापुर के संभागीय सम्मेलन में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और स्वास्थ्य मंत्री के बीच कोई विवाद नहीं है।बिलासपुर पहुंचे खाद्य मंत्री अमरजीत भगत ने मीडिया से बातचीत के दौरान अलग-अलग मुद्दों को लेकर भाजपा और केंद्र सरकार पर निशाना भी साधा है। मंत्री भगत ने धान खरीदी को लेकर भाजपा को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि भाजपा इस जन्म में नहीं बल्कि, सात जन्म में भी धान नहीं खरीद सकती है।

शांता कुमार कमेटी की जो सिफारिश है, उसमें उन्होंने धान खरीदी का भी एक तरह से विरोध किया है। पीडीएस में जो चावल वितरण किया जा रहा है उसको भी रोकने के लिए सिफारिश की है। बता दें, शांता कुमार भारतीय जनता पार्टी के केंद्रीय मंत्री रहे हैं। ऐसे में भाजपा के लोग किससे और क्या बात करेंगे। ये ना ही पीडीएस में लोगों को चावल देना चाहते हैं और ना धान खरीदी करना चाहते हैं।

बयानबाजी में शूरवीर है BJP के नेता

भगत के मुताबिक भाजपा बयान के मामले में एक सिर के बदले 10 सिर काट कर लाएंगे। इसमें इनसे बड़ा कोई शूरवीर नहीं है। उन्होंने केंद्र की मोदी सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि, चाइना अंदर घुस गया है, कई सौ किलोमीटर कब्जा कर लिया है। इसके बाद भी यह शूरवीर बने हुए हैं। यह केवल बयान वीर हैं। उन्होंने बेरोजगारी न दूर किया न महंगाई कम की। उल्टे भारत के साधन और धरोहर को निजी हाथों में देने और बेचने का काम भाजपा के लोग कर रहे हैं।

आरक्षण के मुद्दे पर बोले कटघरे में है BJP

खाद्य मंत्री भगत ने आरक्षण को लेकर एक बार फिर भाजपा को कटघरे में खड़े करते हुए कहा कि,भाजपा का समीकरण बिगड़ा हुआ है। आरक्षण विधेयक आज भी लंबित है। भाजपा के लोगों में थोड़ा भी शर्म, लज्जा है तो राज्यपाल से बोलकर उसमें दस्तखत कराएं। तभी आगे ये फील्ड में निकलने लायक रहेंगे। नहीं तो ये कहीं मुंह दिखाने लायक नहीं रहेंगे। आगे उन्होंने कहा कि, आदिवासियों का 32%, पिछड़ा वर्ग का 27%, एससी वर्ग का 13%, आर्थिक रूप से कमजोर ईडब्ल्यूएस का 4% आरक्षण विधानसभा में पारित करके राज्यपाल के पास हमने भेजा हुआ है। कौन लोग हैं जो इसमें दस्तखत करने नहीं दे रहे हैं, जल्द इनका भी चेहरा बेनकाब होने वाला है।

नेता प्रतिपक्ष पर किया पलटवार

आगे खाद्य मंत्री ने नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल के कांग्रेस में विस्फोट वाले बयान पर पलटवार करते हुए कहा कि, डूबते हुए नांव में कोई सवार नहीं होता है। बीजेपी का सूर्यास्त होने वाला है। कर्नाटक में इना क्या हाल हुआ, हिमाचल में क्या हुआ, सबने देख लिया है। भाजपा की उल्टी गिनती शुरू हो गई है। ये केवल बयानबाजी में माहिर है। इनको उन्माद फैलाने के अलावा कुछ नहीं आता है।

केंद्र की मनमानी, राज्य सरकार मजबूर है

खाद्य मंत्री ने राशन कार्ड वेरिफिकेशन के बहाने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि, भारत सरकार को लोगों को परेशान करने में बहुत मजा आता है। UPA की सरकार में ऐसी व्यवस्था नहीं थी, जबकि खाद्य सुरक्षा कानून यूपीए सरकार ने लाया। बाद में जो सरकारें आईं उन्होंने इस तरह का मापदंड और तकनीकी सिस्टम डेवलप किया। इसमें कई तरह से लोगों को व्यावहारिक दिक्कतें आ रही हैं। भारत सरकार की गाइडलाइन है इसलिए हम उसको फॉलो कर रहे हैं। अगर नहीं करेंगे तो राज्य को मिलने वाला सब्सिडी बंद हो जाएगा।