नई दिल्ली। दिल्ली, पंजाब, हरियाणा समेत उत्तर भारत की जेलों में बंद बड़े गैंगस्टरों पर शिकंजा कसता जा रहा है। इन राज्यों की जेलों में बंद कुछ गैंगस्टरों को अब अंडमान निकोबार द्वीप समूह भेजने की तैयारी की जा रही है। राष्ट्रीय जांच एजेंसी और गृह मंत्रालय के आला अधिकारियों ने संवेदनशील कैदियों के स्थानांतरण पर महत्वपूर्ण बैठक की है। सूत्रों के मुताबिक, एनआईए ने आशंका जाहिर की है कि ये गैंगस्टर जेलों में बैठकर अपने सिंडिकेट को संचालित कर रहे हैं। ऐसे में इन्हें यहां की जेलों से निकालकर अंडमान और निकोबार द्वीप समूह की जेलों में शिफ्ट कर दिया जाए।


ईधर दिल्ली पंजाब हरियाणा और उत्तर प्रदेश में जेल प्रशासन की ओर से करीब 150 गैंगस्टरों की सूची भी तैयार की जा रही है। लिस्ट में लारेंस बिश्नोई के अलावा जिन प्रमुख गैंगस्टरों पर नजर है वो हैं हाकिम बाबा छेनू, कौशल चौधरी, अमरीक जो कि दिल्ली, पंजाब और हरियाणा की जेल में बंद हैं। कैदियों के स्थानांतरण को लेकर मौजूदा नियम की भी समीक्षा की जा रही है जिसके तहत सिर्फ सजायाफ्ता कैदियों को एक जेल से दूसरी जेल ट्रांसफर करने का प्रावधान है, ज्यादातर गैंगस्टर अंडर ट्रायल हैं इसलिए मौजूदा कानूनी प्रावधान का भी आकलन किया जा रहा है। इससे पहले एनआईए ने इन गैंगस्टरों को दक्षिण भारत के राज्यों में ट्रांसफर करने की सलाह दी थी।


रिपोर्ट के मुताबिक, एनआईए क प्रस्ताव पर जब चर्चा शुरू हुई तो पता चला कि यह एक काफी लंबी प्रक्रिया है क्योंकि इसके लिए राज्य सरकारों की अनुमति लेनी होगी। वहीं, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह एक केंद्र शासित प्रदेश हैं और इसका प्रशासन केंद्रीय गृह मंत्रालय के अंतर्गत आता है। इसलिए यहां कोई अड़चन नहीं आने वाली है।यही वजह है कि एनआईए ने अब गैंगस्टरों को अंडमान-निकोबार में भेजने का प्रस्ताव दिया गया है।


कुछ को असम जेल भी किया जा सकता है शिफ्ट
सूत्रों की मानें तो राष्ट्रीय जांच एजेंसी कुछ गैंगस्टरों को असम की जेलों में भी शिफ्ट करने पर विचार कर रही है। असम में फिलहाल बीजेपी की सरकार है ऐसे में गैंगस्टरों को वहां शिफ्ट करने में कोई दिक्कत नहीं आने वाली है। पंजाब के खालिस्तानी समर्थक और वारिस पंजाब दे के मुखिया अमृतपाल सिंह और उसके सहयोगियों को डिब्रूगढ़ जेल में रखा गया है।]


बिश्नोई के इंटरव्यू के बाद मचा था हड़कंप
जेलों में बंद गैंगस्टरों के सिंडिकेट का अंदाजा इसी से लगाय सकते हैं कि मार्च महीने में लॉरेस बिश्नोई के एक इंटरव्यू सामने आया। यह इंटरव्यू पंजाबी सिंगर सिद्धू मूसेवाला की बरसी से ठीक एक दिन पहले आया। जिस समय इंटरव्यू को जारी किया गया उस समय बिश्नोई बठिंडा जेल में बंद था। मामला तुल पकड़ते देख पंजाब सरकार ने पल्ला झाड़ लिया और कहा कि बिश्नोई ने इंटरव्यू को बठिंडा जेल से नहीं दिया था। सूत्रों के मुताबिक, अप्रैल में जब एनआईए ने बिश्नोई को अपनी हिरासत में ली तो उसने पूछताछ में बताया कि इंटरव्यू उसने जेल से ही दी थी।


बता दें कि पिछले साल अगस्त महीने में राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने उत्तर भारत राज्यों में सक्रिय कई गैंगस्टरों के खिलाफ दो एफआईआर दर्ज की थी। एफआईआर में विदेश में बैठकर भारत में सिंडिकेट चलाने, आतंकवादी हमलों और अपराधों के लिए धन जुटाने, युवाओं को भर्ती करने की साजिश का अरोप लगाया था। इसके साथ-साथ इसमें टारगेट किलिंग का भी जिक्र था।