रायपुर। प्रदेश में 318 स्कूलों को स्वामी आत्मानंद हिन्दी माध्यम उत्कृष्ट विद्यालय के रूप में विकसित किया जाएगा। इन स्कूलों के संचालन के लिए प्रत्येक स्कूल हेतु कलेक्टर की अध्यक्षता में एक सोसायटी का गठन किया जाएगा।

इसके बाद ही इन स्कूलों की व्यवस्था सोसायटी को प्रदान कर दी जाएगी। इन स्कूलों में वर्तमान में स्वीकृत समस्त पद स्कूल के संचालन हेतु गठित सोसायटी के अधिकार भी शासन ने तय कर लिए हैं। बता दें कि 2022-23 से प्रदेश के 32 स्कूलों के संचालन का जिम्मा सोसायटियों को ही दिया गया था।

सोसायटी के नियम

1. विद्यालय के संचालन हेतु पंजीकृत सोसायटी को राज्य शासन द्वारा अनुदान उपलब्ध कराया जायेगा एवं सोसायटी अन्य स्त्रोतों से भी धन जुटा सकेगी।

2. विद्यालय के संचालन हेतु आवश्यक पद शासन की अनुमति से समिति द्वारा निर्मित किए जा सकेंगे।

3. राज्य शासन द्वारा सोसायटी को अंतरित किये गये सभी पदों को सोसायटी केवल राज्य शासन के स्कूल शिक्षा विभाग से प्रतिनियुक्ति पर ही भर सकेंगी। इन पदों पर सोसायटी द्वारा सीधी भर्ती अथवा संविदा नियुक्ति नही की जायेगी ।

4. इन स्कूलों में वर्तमान में पदस्थ कर्मचारियों को प्रतिनियुक्ति पर लेना सोसायटी के लिये अनिवार्य नही होगा। यदि सोसायटी इन कर्मचारियों को स्कूल के लिये उपयुक्त पाती है। और यह कर्मचारी सोसायटी में प्रतिनियुक्ति पर कार्य करना चाहते हैं तो सोसायटी इन्हें प्रतिनियुक्ति पर ले सकेंगी अन्यथा सोसायटी राज्य शासन स्कूल शिक्षा विभाग के अन्य कर्मचारी की प्रतिनियुक्ति पर ले सकेगी।

5. निम्नलिखित सूची के अनुसार 318 स्कूलों को तालिका में उल्लेखित पदो सहित इस हेतु गठित सोसायटियों को अंतरित किया जाता है

सोसायटी में सौंपे गए ये पद

प्राचार्य, उपप्राचार्य, व्याख्याता, प्रधान पाठक (पूर्व मा.शा.), शिक्षक, व्यायाम शिक्षक, कम्प्यूटर शिक्षक, प्रधान पाठक (प्रा.शा.), सहा. शिक्षक, सहा. शिक्षक विज्ञान (प्रयोगशाला) ग्रंथपाल, लेखापाल /सहायक ग्रेड 02
सहा. ग्रेड-3, भृत्य चौकीदार, अंशकाली सफाई कर्मी।

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