प्रयागराज। उमेश पाल हत्याकांड में अतीक अहमद के अधिवक्ता विजय मिश्रा को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। विजय मिश्रा को धूमनगंज थाने की पुलिस ने गिरफ्तार किया है। विजय मिश्रा पर आरोप है कि उसने हत्याकांड के आरोपियों की मदद की थी। आरोप है कि उसने उमेश की लोकेशन शूटर को दी थी। वो जेल में बंद अतीक के भाई अशरफ के साथ भी संपर्क बनाकर रखे हुए था। इस कारण ही उसे गिरफ्तार किया गया है।

 जानकारी के मुताबिक पुलिस ने 29 जुलाई की रात को विजय मिश्रा को लखनऊ के एक होटल से गिरफ्तार किया है, जहां वो एक महिला के साथ रुका था। पुलिस जानने में जुटी है कि जिस महिला के साथ वो रुका था वो कौन थी। लंबे समय से विजय फरार चल रहा था। विजय उस अस्पताल में भी मौजूद था जहां अतीक अहमद और अशरफ को गोली मारे जाने के बाद ले जाया गया था। आरोपी अधिवक्ता विजय मिश्रा के खिलाफ अतरसुइया थाने में तीन करोड़ रुपये रंगदारी मांगने का मुकदमा दर्ज है।


प्रयागराज पुलिस ने एक महिला के मकान के फर्जी कागजात बनाकर उस पर अवैध कब्जा करने और 50 लाख रुपये की रंगदारी मांगने के एक मामले में वांछित आरोपी फैज भूरे को सोमवार को गिरफ्तार कर लिया। करेली थाने के प्रभारी अधिकारी रामाश्रय यादव ने बताया कि इस मामले में पीड़ित महिला के भाई दानिश शकील ने भारतीय दंड संहिता की धारा 387, 420, 467, 471, 120-बी, 447 और 506 के तहत अतीक अहमद और उसके गिरोह के सदस्यों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई थी।

इस मामले में करेली थाना अंतर्गत बक्शी मोड़ा के पास से अभियुक्त फैज भूरे को गिरफ्तार कर लिया। यादव ने बताया कि भूरे, अतीक अहमद के साथ 2016 में सैम हिगिनबॉटम कृषि विश्वविद्यालय में एक प्रोफेसर को थप्पड़ मारने का भी आरोपी रहा है। जानकारी के मुताबिक उमेश पाल की 24 फरवरी को गोली मार कर हत्या कर दी गई थी। उमेश पाल बहुजन समाजवादी पार्टी के विधायक रहे राजू पाल की हत्या के मामले में मुख्य गवाह था। उमेश पाल अपने घर की ओर गाड़ी से निकल कर भागा था तभी उसकी बदमाशों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी।