जगदलपुर। छत्तीसगढ़ के बस्तर में बारिश कहर बनकर बरस रही है। इसके चलते कई नदी-नाले उफान पर हैं और सड़कें जलमग्न हो गईं हैं। कुछ गांव टापू बन गए हैं। वहीं लगातार हो रही बारिश और बाढ़ के कारण यहां दो दिन में 3 लोगों की मौत हो गई है।

बताया जा रहा है कि, बस्तर जिले के दरभा में मुनगा नाला उफान पर है। वहीं शनिवार को उसी इलाके की रहने वाली 38 वर्षीय फूलों माड़वी अपने बच्चे को लेकर नाला पार करने की कोशिश की। इसी बीच पानी के तेज बहाव के साथ मां-बेटा दोनों बह गए। कहा जा रहा है कि, उस समय वहां उनकी सास भी मौजूद थी। बहू और पोते को डूबते देखकर वह जोर-जोर से चीखने लगी। मौके पर इलाके के कुछ और ग्रामीण भी पहुंचे, जिन्होंने दोनों को बचाने के लिए नदी में छलांग लगाई। मगर जब तक उनको बाहर निकाले, तब तक उनकी मौत हो गई थी। घटना की जानकारी मिलने के बाद मौके पर पखनार चौकी के जवान पहुंचे, जिन्होंने शवों को पोस्टमार्टम के लिए अस्पताल भेजा। बताया जा रहा है कि, आज दोनों के शवों का गांव में ही अंतिम संस्कार किया जाएगा।

इलाज के अभाव में बुजुर्ग की मौत
वहीं, बीजापुर जिले में भी भारी बारिश के चलते उसूर ब्लॉक का धर्माराम गांव बाढ़ की चपेट में आ गया है। गांव पूरी तरह से टापू बन गया है। इलाके में करीब 4 से 5 फीट तक पानी भर गया है। वहीं इसी गांव की रहने वाली एक बुजुर्ग महिला गुंडी मल्ली की इलाज के अभाव में मौत हो गई है। बताया जा रहा है कि, महिला पिछले कई दिनों से बीमार थी। घर और गांव पूरी तरह से डूब गया था। महिला को अस्पताल ले जाने तक की भी कोई सुविधा नहीं थी। राहत बचाव दल का इंतजार करते-करते महिला ने दम तोड़ दिया।

जन जीवन अस्त-व्यस्त
मिली जानकारी के अनुसार, सभी ग्रामीण अपने घरों से निकल कर गांव से बाहर किसी सुरक्षित ठिकाने पर पहुंच गए हैं। हालांकि, अभी बारिश रुकी हुई है। धीरे-धीरे पानी कम हो रहा है। जन जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। जरूरत का सामान लेकर गांव वाले घरों से बाहर निकल रहे हैं। कुछ ग्रामीण घरों की छत पर चढ़कर एक-दूसरे को जरूरत का सामान पकड़ाते हुए नजर आ रहे हैं, जिसका वीडियो भी सामने आया है। इसके अलावा गांव तक पहुंचने वाली सड़क में पानी भरा हुआ है। लोग जान जोखिम में डालकर पार कर रहे हैं। भारी बारिश के चलते बीजापुर जिला प्रशासन भी अलर्ट मोड पर है। उधर, सुकमा जिले के भी कई गांव टापू में तब्दील हो गए हैं।