भारत के इस जिले में आज मनाया जाता हैं स्वतत्रंता दिवस, जानिए क्या है रहस्य...

कोलकाता। भारत को आजाद हुए 76 साल हो चुके हैं, और देश ने 77 वां स्वतंत्रता दिवस मना लिया है। 12 अगस्त 1947 को देश दो टुकड़ों में बंटा था, जिससे आजादी का जश्न फीका पड़ गया था। आज देश के कोने-कोने में हर साल 15 अगस्त को हम आजादी का जश्न मनाते हैं, लेकिन देश के कुछ ऐसे जिले भी हैं जो 15 अगस्त 18 अगस्त को अपना आजादी का स्वंत्रता दिवस मनाते हैं। पश्चिम बंगाल का नादिया जिला आज भी देश का स्वतंत्रता दिवस 18 अगस्त को मनाता है । जिसकी वजह 1947 का बंटवारा है। जब अंग्रेज भारत छोड़कर जा रहे थे, तब देश के बहुत सारे हिस्से भारतीय संघ का हिस्सा नहीं थे। वही आजादी के समय हो रहे बंटवारे से बहुत से इलाको में यह भ्रम की स्थिति आ गई कि वे भारत का हिस्सा होंगे या पाकिस्तान ऐसा ही कुछ नादिया जिले के साथ भी हुआ।

12 अगस्त 1947 को बताया गया कि भारत को आजादी मिल गई है। पश्चिम बंगाल के नादिया जिले में भारत की आजादी को लेकर रेडियो में एक खबर सुनाई दी। खबर में कहा गया कि नादिया जिले को पाकिस्तान में शामिल किया जा रहा है। रेडियो में आई इस खबर के बाद हिंदू बहुल नादिया के इलाके में विद्रोह पैदा हो गया। दरअसल ये सब एक प्रशासनिक गलती की वजह से हुआ था । भारत और पाकिस्तान के बंटवारे की लकीर बनाने वाले रेड क्लिफ से ये गलती हुई थी, रेड क्लिफ ने गलत नक्शा बना दिया था। जिसके वजह से नादिया जिला भारत के बजाय पाकिस्तान में दिखा दिया। आजादी के पहले पाकिस्तान में 5 डिवीजन थे। कृष्णनगर सदर, मेहरपुर, कुश्तिया, चुवाडालावा और राणा घाट ये सभी इलाके पूर्वी पाकिस्तान में शामिल कर दिए गए। इस खबर फैलने के बाद नादिया में दंगे भड़क गए और लोगों में अफरा-तफरी मची रही। सरकार के फैसले के विरोध में लोग सड़क पर उतर आए और यहां की महिलाओं ने दो दिन तक घर के चूल्हे नही जलाये। वही नादिया जिले के मुस्लिम जिले को पाकिस्तान में शामिल किए जाने की खबर को लेकर उत्साहित थे। मुस्लिम लीग के नेताओं ने अपने समर्थकों के साथ कृष्णा नगर पब्लिक लाइब्रेरी पर पाकिस्तानी झंडे फहरा दिए, इन नेताओं ने रैली निकाली और पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे भी लगाए। लेकिन हालात इतने बिगड़ गए प्रशासन को अपनी गलती सुधारनी पड़ी।

ब्रिटिश सरकार ने अपना फैसला वापस लिया। नादिया की खबर देश के अंतिम वायसराय लॉर्ड माउंटबेटन तक पहुंचने पर उन्होंने फौरन एक्शन लिया और रेड क्लिफ को गलती सुधारने के आदेश दिए। इसके बाद नादिया के बालाघाट, कृष्णानगर, करीमपुर और शिकारपुर भारत में शामिल हो गए।

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