बिलासपुर। छत्तीसगढ़ में लगातार ट्रेनों को रद्द किए जाने के विरोध में कांग्रेस की ओर से बुधवार को प्रदेश स्तर पर रेल रोको आंदोलन किया जा रहा है। बिलासपुर में आज सुबह से ही कांग्रेस कार्यकर्ता करगी रोड कोटा रेलवे स्टेशन पर पहुंच गए और मालगाड़ी को रोक लिया। इस दौरान कार्यकर्ता पटरी पर लेट गए और जमकर नारेबाजी की। आंदोलन के चलते करीब 2 घंटे तक रेलवे ट्रैक बाधित रहा।

जिला कांग्रेस अध्यक्ष विजय केशरवानी की अगुवाई में दर्जनों प्रदर्शनकारियों ने अप और डाउन दोनों लाइन पर मालगाड़ियां रोकी। पटरी में लेटकर केंद्र सरकार और रेलवे के खिलाफ जमकर नारेबाजी भी की। कहा कि, ये रेलवे को लेकर केंद्र सरकार की नीतियों का विरोध है। हालांकि कांग्रेसियों के आंदोलन को देखते हुए रेलवे प्रशासन ने सुरक्षा के इंतजाम की बात कही थी।

दरअसल, रेल रोको आंदोलन के दौरान प्रदेश के सभी जिला, ब्लॉक मुख्यालयों में एकत्रित होकर कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं ने गाड़ियों को रोकने की रणनीति बनाई है। वहीं, इस आंदोलन को देखते हुए रेलवे ने चेतावनी दी है कि अगर ट्रेन यातायात बाधित हुआ तो कानूनी कार्रवाई की जाएगी। इसके लिए आरपीएफ के साथ ही पुलिस की ड्यूटी भी लगाई गई है।

जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष विजय पांडेय और विजय केशरवानी ने कहा कि लोकतंत्र में आंदोलन संवाद की एक सहज और सरल प्रक्रिया है। लगता है कि केंद्र की भाजपा सरकार को लोकतंत्र की परंपराओं पर विश्वास नहीं है। यही कारण है कि रेल प्रशासन ने बिलासपुर समेत छत्तीसगढ़ की जनता को आंदोलन करने पर रेलवे एक्ट के तहत कार्रवाई की धमकी दी जा रही है। कहा कि, रेलवे प्रशासन को इस बात की जानकारी होनी चाहिए कि बिलासपुर जोन की स्थापना के पीछे छत्तीसगढ़ की जनता ने क्या कुछ नहीं किया है। रेल प्रशासन को जानकारी होनी चाहिए कि 1996 की आग अभी भी छत्तीसगढ़ की जनता के जेहन में कायम है। रेल प्रशासन यह सोचता है कि धमकी देकर आंदोलन को दबा देंगे तो यह उनकी बहुत बड़ी भूल होगी। छत्तीसगढ़ और खासकर बिलासपुर की जनता धमकियों से डरने वाली नहीं है। यदि रेलवे प्रशासन ने सोच ही लिया है कि आंदोलन को तानाशाहीपूर्वक दबाया जाएगा तो प्रदेश कांग्रेस ने भी छत्तीसगढ़ की जनता के साथ संकल्प लिया है कि अब रेल प्रशासन की धमकी का माकूल जवाब भी दिया जाएगा।