गुना। मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा को एक और झटका लगा है। गुना जिले की चांचौड़ा विधानसभा से भाजपा की पूर्व विधायक ममता मीणा ने मंगलवार को पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। चांचौड़ा सीट पर भाजपा का टिकट घोषित हो जाने के 32 दिन बाद उन्होंने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया। वे मंगलवार शाम को पार्टी के प्रदेश कार्यालय पहुंचीं। उन्होंने भोपाल पहुंचकर प्रदेश महामंत्री भगवान दास सबनानी को इस्तीफा सौंपा। वह चांचौड़ा सीट से घोषित हुए प्रत्याशी पर पुनर्विचार करने की मांग कर रही थीं।

भोपाल में इस्तीफा देने के बाद पार्टी कार्यालय के बाहर पत्रकारों से चर्चा करते हुए पूर्व MLA मीणा ने कहा कि, समाज को एक साथ लेकर जात-पात से ऊपर उठकर पार्टी के लिए काम किया है। सर्व समाज को जोड़ा है। पार्टी से पुनर्विचार के लिए कहा था। चांचौड़ा में पांच मंडल आते हैं, पांचों मंडलों में से किसी भी कार्यकर्ता को टिकट दे दो, लेकिन मेरी बात पर किसी ने विचार नहीं किया। न ही मेरे पास किसी का फोन आया, जबकि मैंने उनसे कहा था कि दुखी मन से मुझे दूसरा निर्णय लेना पडेगा, लेकिन उसके बाद भी मेरे पास किसी का फोन नहीं आया। लगातार मेरी उपेक्षा हो रही है। जन आशीर्वाद यात्रा को लेकर जिला, मंडल की बैठकें हुईं, लेकिन मुझे कोई सूचना नहीं दी गई। मंडल अध्यक्ष, महामंत्री ने विधानसभा संयोजक से पूछा तो उनसे कहा गया कि जिलाध्यक्ष ने बुलाने से मना किया है।

मुझे मेरा कुसूर बता देते…
उन्होंने कहा कि, मेरा जो भी कुसूर है, मुझे वो कुसूर बता देते। भले ही भाजपा के कार्यालय के गेट पर फांसी से लटका देते। जैसा कह रहे हैं कि अमित शाह का सर्वे है, उसमें मेरा नाम कटा है, जबकि मैंने दिन-रात गांव-गांव जाकर मेहनत की। चुनाव हारने के बाद भी हार नहीं मानी। सब के सुख-दुख में साथ खड़ी रही। तो कहां मेरा सर्वे खराब है। खामखेड़ा दरबार से जनादेश यात्रा निकाली, जन्मदिन पर हजारों कार्यकर्ता शामिल हुए, तो कहां से सर्वे खराब है। मेरी पीठ पर इतने छुरे घोंप दिए कि मैं देख नहीं पा रही, कितने घाव हैं। लेकिन शेरनी, शेरनी ही रहेगी। मैंने चांचौड़ा में भगवा घर बनाया था। उसी घर में आज मुझे रहने देने की जगह नहीं है।

आम आदमी पार्टी में हो सकती हैं शामिल
वहीं सूत्रों के अनुसार, पूर्व MLA मीणा आम आदमी पार्टी जॉइन कर सकती हैं। दिल्ली में वह अरविंद केजरीवाल के समक्ष आप में शामिल हो सकती हैं। आप नेतृत्व से उन्हें यहां आने का समय नहीं मिला। इस कारण अब वह दिल्ली जाकर आप में शामिल होंगी।