कोरबा । शहर में गरीबों को शीघ्र ही आवासीय पट्टे बाँटे जाएँगे। छत्तीसगढ़ नगरीय क्षेत्रों के आवासहीन व्यक्ति को पट्टाधृति अधिकार अधिनियम 2023 के अंतर्गत 15 दिवस में लगभग 15 हजार पट्टे दिए जाएंगे। इसके लिए अभियान चलाया जाएगा। कलेक्टर सौरभ कुमार ने पट्टा वितरण को लेकर आज एसडीएम सहित अन्य अधिकारियों की समीक्षा बैठक ली और दिशा निर्देश देते हुए कहा कि आवश्यक प्रक्रियाओं को पूर्ण कर, क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों के माध्यम से लोगों को पट्टा वितरण सुनिश्चित किया जाए।

कलेक्टर सौरभ कुमार ने बैठक में निर्देशित किया कि अगले सप्ताह 27-28 सितम्बर से शहरी क्षेत्रों में पट्टा वितरण प्रारंभ किया जाए। उन्होंने एसईसीएल, सीएसईबी, सिंचाई विभाग सहित अन्य क्षेत्रों में पट्टा वितरण को लेकर किसी तरह की समस्या आने पर उसका निराकरण करते हुए पात्र लोगों को इस योजना का लाभ दिलाने कहा है। कलेक्टर ने पाली और पोड़ी उपरोड़ा ब्लॉक में 1200 से अधिक वन अधिकार पट्टो के वितरण के निर्देश देते हुए छूटे हुए लोगों का सर्वे कराने, ग्राम सभा में प्रस्ताव के आधार पर नाम शामिल करने के सम्बंध में भी आवश्यक दिशा निर्देश दिए। गौरतलब है कि शासन द्वारा वर्षों से काबिज परिवारों को छत्तीसगढ़ नगरीय क्षेत्रों के आवासहीन व्यक्ति को पट्टाधृति अधिकार अधिनियम 2023 के अंतर्गत पट्टे वितरित किए जाएंगे। इसके लिए एसईसीएल सहित अन्य क्षेत्रों में वर्षों से रह रहे परिवारों को पात्रतानुसार पट्टा प्रदान किया जाएगा। कलेक्टर सौरभ कुमार के निर्देशन में पट्टे वितरण के लिए प्राधिकृत अधिकारियों द्वारा आवश्यक तैयारी लगभग पूरी कर ली गई है। शहर में रहने वाले लगभग 15 हजार परिवारों को पट्टा वितरण करने के अलावा पाली और पोड़ी उपरोड़ा क्षेत्रों के 1200 से अधिक परिवारों को वन अधिकार पट्टे वितरित किए जाएंगे।

ऐसे व्यक्ति जो छत्तीसगढ़ के स्थानीय निवासी प्रमाण पत्र प्राप्त करने की पात्रता रखता हो, जो आवासहीन हो, जो संबंधित नगरीय निकाय की मतदाता सूची में दर्ज हो, उसके कुटुम्ब की वार्षिक आय रूपए 2,50,000 (दो लाख पचास हजार रूपये) से अधिक न हो, जिसके कुटुम्ब में कोई व्यक्ति केन्द्र सरकार, राज्य सरकार या इनके उपक्रम की शासकीय सेवा में चतुर्थ श्रेणी को छोड़कर) नहीं हो और न ही अधिवक्ता, इंजीनियर, डॉक्टर चार्टर्ड एकाउन्टेड जैसा व्यवसायिक सेवा में हो, और न ही निर्वाचित जन प्रतिनिधि हो तथा उसे या उसके कुटुम्ब के किसी सदस्य को पूर्व में उसी नगरीय निकाय में कोई शासकीय भूमि आवंटित नहीं की गई हो पात्र होंगे।
ऐसे व्यक्ति, जो अधिनियम के अंतर्गत पात्रता रखते हों, नगर पालिक निगम क्षेत्र में 600 वर्गफीट भूमि से अनाधिक शासकीय भूमि, जिस पर उनका कब्जा 5 वर्ष या इससे अधिक हो (20 अगस्त 2017 से पूर्व), विकास योजना में निर्धारित भू-उपयोग से निरपेक्ष रहते हुए पट्टे के लिये पात्र समझे जायेंगे।

भूमि के कब्जे के संबंध में सत्यापन हेतु आधार दस्तावेज निम्नानुसार होंगे

भारत निर्वाचन आयोग / राज्य निर्वाचन आयोग की सूची, विद्युत देयक /विद्युत संयोजन का दस्तावेज, टेलीफोन बिल, स्थानीय नगरीय निकाय का संपत्तिकर / समेकित कर पंजी, जलकर भुगतान दस्तावेज, भवन अनुज्ञा / दुकान अनुज्ञा, अधिनियम के अधीन प्रदत्त पट्टाधृति पट्टे, तथा पाँच वर्ष के पूर्व में जारी आधार कार्ड या ड्राईविंग लाईसेंस। कब्जे की अतिरिक्त भूमि का व्यवस्थापन कंडिका (3) निर्धारित सीमा से अधिक भूमि होने पर अतिरिक्त भूमि के व्यवस्थापन नहीं कराये जाने की दशा में अतिरिक्त भूमि का कब्जा छोड़े या हटाये जाने पश्चात् ही कब्जाधारी को पट्टे की पात्रता होगी, अन्यथा वह अपात्र माना जायेगा।