दंतेवाड़ा । धुर नक्सल प्रभावित क्षेत्र दंतेवाड़ा जिले में भांसी गांव के कलारपारावासी नागरिकों ने प्रशासन और जनप्रतिनिधियों की उपेक्षा पूर्ण व्यवहार से पीड़ित होकर विधानसभा चुनाव बहिष्कार करने का निर्णय लिया है। देश के 77 साल आजादी के बीत जाने के बाद भी इश गांव में मूलभूत सुविधाएँ नहीं है।
मूलभूत सुविधाओं के लिए यहां को लोग तरस रहे हैं.। बिजली न पहुंचने से पूरा इलाका अंधेरे में डूबा हुआ है। यहां 50 से ज्यादा परिवार रहते हैं।

न इस सरकार ने और न पिछली सरकार ने इस कलारपारा तक बिजली पहुंचाने की जहमत नहीं उठाई है। यहां के ग्रामीण द्वारा जिला प्रशासन से लेकर स्थानीय जनप्रतिनिधियों से बार-बार गुहार लगाने के बावजूद भी कोई सुनवाई नहीं होता देख आगामी विधानसभा चुनाव का बहिष्कार करने का ऐलान किया है।
कतेमें बच्चों की पढ़ाई भी प्रभावित होती है। इस समस्या से एक बार नहीं दो नहीं बल्कि कई बार प्रशासन को अवगत करा चुके हैं। लेकिन आश्वासन के अलावा आज तक इस समस्या का समाधान नहीं हो पाया है।

लिहाजा ग्रामीण बार-बार गुहार लगाकर थक चुके हैं। गुस्साएं ग्रामीणों ने इस बार विधानसभआ चुनाव बहिष्कार करने का सामूहिक रूप से ग्रामीणो ने निर्णय लिया है। , जिले के भांसी गांव के कलारपारा में 40 से अधिक परिवार रहते हैं। रेलवे पटरी के उस पार बसे कलारपारा के रहवासी लंबे समय से बिजली पहुंचाने की मांग कर रहे हैं।

वैकल्पिक व्यवस्था के लिए क्रेडा विभाग ने अपना सोलर प्लेट लगा दिया है जो अक्सर खराब रहता है। बिजली पहुंचने के लिए बड़ी समस्या रेलवे क्रॉसिंग था। लेकिन ग्रामीणों ने किसी तरह रेलवे के अधिकारियों से संपर्क कर रास्ता निकाला और दंतेवाड़ा बिजली ऑफिस में से दस्तावेज विशाखापट्टनम रेल मंडल ऑफिस भेज दिया गया और वहां से भी बिजली लगाने की अनुमति मिल गई है।

दूसरी ओर स्थानीय जिला प्रशासन द्वारा अब तक बिजली पहुंचाने के लिए कोई प्रयास नहीं किया जा रहा है। कलारपारा निवासी आरती कर्मा ने बताया कि, दंतेवाड़ा के पूर्व कलेक्टर दीपक सोनी ने आश्वासन दिया था कि उनके गांव में बिजली और मूलभूत सुविधाएं पहुंचाने की कवायद शुरू होने वाली है। बिजली पहुंचाने की मंजूरी भी मिल गई है। लेकिन इसके बावजूद आज तक बिजली का एक पोल तक गांव में नहीं गढ़ पाया है।

कलेक्टर विनीत नंदनवार से भी कई बार यहां के ग्रामीणों ने गुहार लगाई। लेकिन कलेक्टर की ओर से कोई आश्वासन नहीं मिला। स्थानीय जनप्रतिनिधियों के साथ ही दंतेवाड़ा विधायक देवकी कर्मा से भी कई बार ग्रामीण गांव में बिजली पहुंचाने की गुहार लगा चुके हैं। आश्वासन के अलावा उन्हें कुछ नहीं मिल रहा है। बिजली के साथ-साथ पानी और सड़क की बदहाली से भी इस गांव के निवासी जूझ रहे हैं। इन सारी परिस्थितियों से लड़ते ग्रामीण अपना प्रयास जारी रखे, लेकिन खासकर नेताओं से बेहद नाराज होकर आगामी विधानसभा चुनाव में वोट नहीं डालने का निर्णय ले चुके हैं. ग्रामीणों का कहना है कि जब तक उनके गांव में बिजली के पोल नहीं गढ़ जाते और बिजली नहीं पहुंच जाती वे चुनाव का बहिष्कार करेंगे।

भांसी गांव एनएमडीसी लौह अयस्क खदान से लगा हुआ है. एनएमडीसी के द्वारा इस गांव के आसपास लंबे समय से लौह अयस्क का दोहन किया जा रहा है। जिससे प्रबंधन को करोड़ो रुपए की कमाई भी हो रही है, लेकिन पहाड़ के नीचे बसा यह गांव अंधेरे के साथ लाल आतंक और लाल जहर का भी दंश झेल रहा है। इन सारी परिस्थितियों से लड़ते ग्रामीण अब पूरी तरह से त्रस्त हो चुके हैं जिसके चलते विधानसभा चुनाव में वोट नहीं डालने का सामूहिक रूप से निर्णय लिया है।

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