रायपुर। कन्फेडरेशन आफ आल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) का कहना है कि ई-वे बिल की वैधता अवधि में 50 फीसद की कटौती वापस होनी चाहिए। इसके साथ ही ई-इनवाइसिंग में खरीदार को अनिवार्य रूप से इनपुट का लाभ मिलना चाहिए। जीएसटी की विसंगतियों को दूर कर इसका सरलीकरण करने से ही फायदा होगा। सात अक्टूबर को होने वाली जीएसटी काउंसिल की बैठक के लिए कैट ने सुझाव दिए है।

कैट के वरिष्ठ राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अमर पारवानी ने बताया कि वित्तमंत्री सीतारमण को पत्र भी लिखा गया है। उन्होंने कहा कि पत्र में कहा गया है कि इन सुझावों को शामिल किया जाए, इससे व्यापार उद्योग की रफ्तार और बढ़ेगी और इसका फायदा सरकार को भी होगा।

ये भी है सुझाव

  1. इनपुट टैक्स क्रेडिट जीएसटीआर-2B के आधार मान्य हो।
  2. जीएसटी प्रणाली में ब्याज की गणना के प्रावधान को बदला जाए।
  3. आरसीएम से संबधित प्रावधानो से ऐसे व्यापारियों को छुट दी जानी चाहिए, जो भुगतान किये गए इनपुट टैक्स क्रेडिट लेने हेतु पात्र हो।
  4. जीएसटी पंजीकरण निलंबन/निरस्तीकरण से संबधित नियम 21 के प्रावधानों को वापस लिया जाए।
  5. ई-इनवाइसिंग को एक अगस्त पांच करोड़ तक के टर्नओवर वाले व्यापारियां पर लागु किया गया है। इस प्रावधानों को वापस लिया जाना चाहिए।
  6. छुटे हुए इनपुट टैक्स क्रेडिट लेने एवं वार्षिक विवरण पत्र में संशोधन किए जाने हेतु अवसर प्रदान किया जाए।
  7. वन टाइम एमनेस्टी स्कीम लाई जाए।

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