0 हाई कोर्ट में मामले की सुनवाई के बीच पुलिस ने गैर इरादतन हत्या का अपराध किया कायम

बिलासपुर। पेट दर्द की शिकायत पर बिलासपुर के अपोलो हॉस्पिटल में भर्ती कराए गए मरीज की 24 घंटे के भीतर मौत हो गई। इस दौरान इलाज कर रहे डॉक्टरों ने इसे जहर सेवन से मौत का मामला बता दिया। परिजनों ने इसकी पुलिस में शिकायत की मगर कार्रवाई नहीं करने पर इलाज में लापरवाही को लेकर हाईकोर्ट में याचिका दायर कर दी। मामले की अगली सुनवाई से पहले पुलिस ने अस्पताल प्रबंधन और इलाज करने वाले डॉक्टरों के विरुद्ध गैर इरादतन हत्या का अपराध दर्ज किया है।

डॉक्टरों ने जहर सेवन से मौत का मामला बताया

यह मामला 25 दिसंबर 2016 का है। बिलासपुर शहर में दयालबंद के आदर्श कॉलोनी निवासी 29 वर्षीय गुरबीन छाबड़ा उर्फ गोल्डी को अपोलो अस्पताल लाया गया था। उसे पेट में दर्द की शिकायत थी। 26 दिसंबर को उसकी मृत्यु हो गई। डॉक्टर ने बताया कि उसकी मृत्यु सल्फास के सेवन से हुई है। परिजनों ने इससे इंकार किया और डॉक्टरों पर गलत इलाज का आरोप लगाया। उन्होंने थाने में शिकायत की लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई।

मृतक गुरबीन छाबड़ा उर्फ गोल्डी

स्वास्थ्य सचिव को दाखिल करना है जवाब

पुलिस ने जहर सेवन की आशंका को देखते हुए सिम्स चिकित्सालय में शव का पोस्ट मॉर्टम कराया। साथ ही उसका बिसरा सुरक्षित किया गया। परिजनों ने हाईकोर्ट में याचिका लगाकर मौत की जांच करने और संबंधित जिम्मेदार डॉक्टर के विरुद्ध कार्रवाई करने की मांग की। इस मामले की कई बार सुनवाई हो चुकी थी। अगली सुनवाई 10 अक्टूबर को निर्धारित की गई है, जिसमें स्वास्थ्य सचिव सहित अन्य अधिकारियों को जवाब दाखिल करना है।

मेडिकल बोर्ड ने जांच में उजागर की खामियां

पुलिस ने हाईकोर्ट में मामला दर्ज होने के बाद जांच शुरू की। फरवरी 2023 में सिम्स चिकित्सालय के मेडिकल बोर्ड की रिपोर्ट में बताया गया कि मरीज के एंडोस्कोपी जांच का कोई उल्लेख उपचार के दौरान नहीं किया गया है। चिकित्सकों ने सामूहिक रूप से उपचार किया किंतु किसी भी दस्तावेज में प्रोविजनल क्लीनिकल डायग्नोसिस का उल्लेख नहीं है। पॉइजनिंग के मामले में किया जाने वाला प्राथमिक उपचार भी नहीं किया गया। टीएलसी बढ़ा हुआ था, जिस पर डॉक्टरों की टीम को व्यापक तौर पर गौर करने की आवश्यकता थी। इसके अलावा भी कई खामियां पाई गई। अपोलो के चिकित्सक दल ने उपचार के दौरान रोगी के उल्टी, गैस्ट्रिक कंटेंट्स, रक्त और पेशाब के नमूने को एकत्र कर रासायनिक परीक्षण के लिए भेजने में भी लापरवाही बरती।

बिसरा परिक्षण में नहीं पाया गया जहर

विशेषज्ञ अभिमत के लिए इस संबंध में डायरेक्टर संचालनालय मेडिकोलीगल संस्थान गृह (पुलिस) विभाग मेडिकोलीगल विशेषज्ञ एवं मेडिकोलीगल सलाहकार छत्तीसगढ़ शासन जेल रोड मेडिकल कालेज भवन रायपुर से 27 सितंबर को रिपोर्ट प्राप्त हुई, जिसमें विशेषज्ञ द्वारा डॉक्टर एवं अस्पताल प्रबंधन द्वारा लापरवाही किये जाने के संबंध में अलग-अलग बिन्दुओं पर उल्लेख किया गया है। बिसरा परीक्षण में भी किसी प्रकार का जहर नहीं पाया गया।

सालों बाद मिली रिपोर्ट पर हुई FIR

इस प्रकार मर्ग जांच, मेडिकल बोर्ड, विशेषज्ञ की जांच रिपोर्ट के आधार पर मृतक गोल्डी उर्फ गुरवीन छाबडा आ. परमजीत सिंह छाबडा, उम्र 29 साल साकिन आदर्श कॉलोनी दयालबंद थाना कोतवाली की मृत्यु ईलाज के दौरान अपोलो अस्पताल प्रबंधन बिलासपुर एवं संबंधित डॉक्टरों की लापरवाही से होना पाये जाने से थाना सरकण्डा में धारा 304 ए के तहत अपराध पंजीबद्ध किया गया। तथा अस्पताल प्रबंधन एवं संबंधित डॉक्टरों द्वारा ईलाज में लापरवाही करने के संबंध में जांच कर अग्रिम वैधानिक कार्यवाही की जा रही है ।