0 भगत को टिकट मिलने तक धरना जारी रखने का किया ऐलान

रायपुर। भारतीय जनता पार्टी प्रदेश कार्यालय कुशाभाऊ ठाकरे परिसर के प्रवेश द्वार को जाम करके धरने पर बैठे गणेश राम भगत के समर्थकों से मिलने प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव अंततः तीन दिन बाद प्रदेश कार्यालय मिलने पहुंचे। उन्होंने शीर्ष नेतृत्व तक कार्यकर्ताओं की बातें पहुंचाने की बात कही मगर कार्यकर्ताओं ने गणेश राम भगत को जब तक टिकट को लेकर कोई ठोस आश्वासन मिलने तक कार्यालय के गेट पर ही बैठने का फैसला किया है। इस दौरान भगत समर्थकों ने रो-रोकर अपनी व्यथा सुनाई।

धरने का आज तीसरा दिन

जशपुर से भाजपा नेता गणेश राम भगत को टिकट देने की मांग के साथ उनके पांच सौ समर्थक राशन पानी लेकर दो दिन से राजधानी के ठाकरे परिसर के गेट पर धरनारत हैं। पार्टी ने श्रीमती रायमुनी भगत जशपुर से चुनाव मैदान में उतारा है। रायपुर पहुंचे कार्यकर्ता टिकट बदलने की मांग कर रहे हैं। खुले आसमान तले दो रात दिन गुजार चुके हैं। रविवार रात महामंत्री पवन साय ने उनसे चर्चा की थी। और आज प्रदेश भाजपा अध्यक्ष अरुण साव तीन दिन बाद यहां पहुंचे और चर्चा की। उन्होने सबकी बाते सुनने के बाद शीर्ष नेतृत्व तक बातें पहुंचाने की बात कही है। प्रदेश अध्यक्ष से अपनी बातें रखते हुए दर्जनों कार्यकर्ता रो पड़े। बता दें कि इससे पहले टिकट घोषणा के दिन गणेश राम भगत अपने घर में कार्यकर्ताओं के समक्ष रो पड़े थे।

साव ने हाथ जोड़कर लौटने का किया आग्रह

इस मौके पर अरुण साव ने सभी को समझाया और कहा कि गणेश राम भगत और सभी कार्यकर्ताओं का पार्टी सम्मान करती है। वे उनकी बात हाई कमान तक पहुंचाएंगे। साव ने हाथ जोड़कर सभी से निवेदन किया कि अब वे अपने घर लौट जाएं मगर समर्थक नहीं माने। साव को बताया गया कि टिकट की घोषणा से लेकर आज तक जशपुर विधानसभा क्षेत्र में कोई भी भाजपा नेता या कार्यकर्त्ता चुनाव का प्रचार करने नहीं निकला है, क्योंकि रायमुनी भगत का वहां भारी विरोध है। इन सभी ने यह दावा किया कि अगर गणेश राम भगत को जशपुर में टिकट नहीं मिली तो जशपुर में भाजपा की हार निश्चित है।

भाजपा के लिए असमंजस की स्थिति

बहरहाल भाजपा में ऐसा पहला मौका है जब किसी नेता के समर्थकों ने राशन-पानी लेकर सीधे राज्य मुख्यालय में धरना दे दिया हो। यहां कार्यालय के मुख्य प्रवेश द्वार पर धरना जारी है और इस द्वार से केवल पैदल लोग ही निकल पा रहे हैं। पहली बार भाजपा के लिए भी यह असमंजस की स्थिति बन गई है कि घोषणा के बाद किसी प्रत्याशी को आखिर कैसे बदलें। बता दें कि जशपुर की मीडिया और राजनितिक विश्लेषक भी यह मानते हैं कि गणेश राम भगत भाजपा की ओर से सशक्त और जिताऊ प्रत्याशी होते मगर इन्हे भी आश्चर्य हो रहा है कि उनके अलावा किसी और को आखिर किस बिना पर प्रत्याशी बना दिया गया।