महासमुंद। कांग्रेस पार्टी ने जब बची हुई सीटों पर प्रत्याशियों के चयन के लिए जद्दोजहद कर रही थी, तब सभी उहापोह की स्थिति में थे। लोग यही सोचकर परेशान थे कि जिन विधायकों की टिकट रोकी गई है, उन्हें टिकट मिलेगी या नहीं। सूची निकली तो पता चला कि रायपुर उत्तर विधानसभा से विधायक कुलदीप जुनेजा की टिकट बच गई वहीं महासमुंद जिले के दो विधायक महासमुंद से विनोद सेवनलाल चन्द्राकर व सरायपाली से किस्मतलाल नंद अपनी टिकट नहीं बचा सके।

कांग्रेस पार्टी ने महासमुंद से विधायक विनोद सेवनलाल चन्द्राकर की टिकट काटते हुए डा. रश्मि चन्द्राकर को टिकट दी है। नाम की घोषणा होते ही रश्मि के समर्थकों के बीच खुशी की लहर दौड़ गयी। डा रश्मि चंद्राकर ने बीएचएमएस (होमियोपैथी चिकित्सा) की पढ़ाई की हैं। उनके पति व ससुर भी चिकित्सक हैं। वे पूर्व में बेमचा से जनपद सदस्य चुनकर महासमुंद जनपद अध्यक्ष बनीं और अभी कांग्रेस की जिलाध्यक्ष हैं। रश्मि (उम्र 43) पहली बार विधानसभा चुनाव लड़ रही हैं।

सरायपाली से शिक्षिका को उतारा चुनाव मैदान में

उधर सरायपाली से कांग्रेस पार्टी ने विधायक किस्मत लाल नंद की टिकट काटकर शिक्षिका चातुरी नंद को प्रत्याशी बनाया है। चातुरी डिग्रीलाल नंद, भुकेल स्कूल में व्याख्याता हैं। इनकी नियुक्ति 1998 में हुई थी। इन्होंने अपने समाज का संगठन ‘चौहान सेना’ बनाकर सामाजिक क्षेत्र में काफी सक्रियता से कार्य किया है और वर्तमान में वे चौहान सेना की प्रदेशाध्यक्ष हैं। बताया जाता है कि सरायपाली इलाका चौहान (गांड़ा समाज) बाहुल्य है, यही वजह है कि कांग्रेस पार्टी ने पिछली बार भी यहां से चौहान समाज के किस्मत लाल नंद को प्रत्याशी बनाया था, और इस बार भी इसी समाज से चातुरी नंद को चुनाव मैदान में उतारा है। बताया जा रहा है कि चातुरी नंद की अपने इलाके में काफी अच्छी पकड़ है।

बता दें कि महासमुंद जिले के सरायपाली और बसना क्षेत्र उड़ीसा राज्य से लगे हुए हैं और इन इलाकों में उड़ीसा के लोगों की बहुलता है। उड़ीसा के ही चौहान (गांड़ा समाज) के लोग भी बड़ी संख्या में इस इलाके में बसे हुए हैं। जातिगत समीकरण को देखते हुए पार्टी ने इस समाज को प्रमुखता दी और समाज से ही लगातार दूसरी बार प्रत्याशी को चुना है।