महासमुंद: छत्तीसगढ़ की बसना विधानसभा सीट एक सामान्य सीट है, जो महासमुंद जिले में आती है. बसना विधानसभा सीट कांग्रेस पार्टी का गढ़ मानी जाती है. छत्तीसगढ़ अलग राज्य बनने के पहले से ही बसना में यहां के राजा महेंद्र बहादुर सिंह कांग्रेस से विधायक रहे. जिसके बाद विधायक के रूप में उनके भतीजे देवेंद्र बहादुर सिंह यहां से विधायक हैं. आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर इस सीट से भाजपा ने अभी तक प्रत्याशी की घोषणा नहीं की. कांग्रेस पार्टी एक बार फिर राजपरिवार के साथ आगे बढ़ सकती है. यहां से मौजूदा विधायक देवेंद्र बहादुर को कांग्रेस दोबारा प्रत्याशी बना सकती हैं।

बसना विधानसभा सीट को जानिए:
यहां पिछले विधानसभा चुनावों पर नजर डालें, तो 1993 में यहां वर्तमान विधायक देवेंद्र बहादुर सिंह के चाचा महेंद्र बहादुर सिंह विधयक बने, जो इस रियासत के राजा भी थे. वह 1993 से 1998 तक निर्दलीय विधायक रहे. जिसके बाद 1998 में दूसरी बार कांग्रेस से विधायक बने. 2003 के चुनाव में भाजपा के त्रिविक्रम भोई ने महेंद्र बहादुर को 2 हजार से भी ज्यादा मतों से हराकर इतिहास रच दिया. 2008 के चुनाव मे कांग्रेस से महेंद्र बहादुर सिंह के भतीजे देवेंद्र बहादुर को जीत मिली. 2013 के विधानसभा चुनाव में रूप कुमारी चौधरी ने कांग्रेस के देवेंद्र बहादुर को 6 हजार 239 मतों के अंतर से हरा दिया. 2018 विधानसभा में राजघराने से देवेंद्र बहादुर सिंह फिर विधायक चुने गए।
बसना विधानसभा क्षेत्र के मतदाता:
- बसना विधानसभा क्षेत्र में कुल – 2 लाख 15 हजार 140 मतदाता
- महिला मतदाता -1 लाख 8 हजार 306
- पुरुष मतदाता – 1 लाख 6 हजार 829
- ट्रांसजेंडर मतदाताओं की संख्या 5 हैं।
बसना विधानसभा में कुल मतदाताबसना विधानसभा सीट का जातिगत समीकरण:
बसना विधानसभा क्षेत्र में सबसे अधिक मतदाता आदिवासी समाज से आते हैं, जिनकी संख्या 65 हजार है. वहीं कोलता समाज के मतदाताओं की संख्या 40 हजार है. अघरिया समाज के लगभग 30 हजार मतदाता हैं. यहां के मतदाता सिर्फ विकास को देखकर अपना विधायक चुनते है. पिछले 2018 के चुनाव में यहां 85.85 प्रतिशत मतदान हुआ था।
बसना विधानसभा सीट की समस्याएं:
बसना में सड़कों, पुलों, सरकारी भवनों के जरिए विकास की चमक तो पहुंची है. लेकिन कुछ क्षेत्रों में गर्मी के मौसम में पेयजल का संकट अब भी बरकरार है. यहां के लोग किसानी और वनोपज अर्थव्यवस्था पर निर्भर है. किसानों के लिए खेतों की सिंचाई की समस्या अब भी बनी हुई है. गर्मी के दिनों में भूजल नीचे जाने से पानी की समस्या रहती है. वहीं रेललाइन से जोड़ने की सालों पुरानी मांग अभी भी अधूरी है. स्कूलों में शिक्षकों की कमी लगातार बनी रहती है. उच्च शिक्षा व्यवस्था भी चरमराई हुई है. साथ ही यहां औद्योगिक क्षेत्र नहीं है, जिससे गरीब वर्ग के लोग पलायन कर जाते हैं।
बसना विधानसभा की समस्याएं2018 चुनाव में बसना विधानसभा का नतीजा:
विधानसभा चुनाव 2018 में बसना विधानसभा से कांग्रेस के देवेंद्र बहादुर सिंह ने आईएनडी प्रत्याशी सम्पत अग्रवाल को करीब 17 हजार वोटों से हरा दिया. इस चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी देवेंद्र बहादुर सिंह को 67535 वोट मिले. वहीं दूसरे स्थान पर रहे आईएनडी प्रत्याशी सम्पत अग्रवाल को 50,027 वोट मिले. इस सीट पर भाजपा 36,394 वोटों के साथ तीसरे स्थान पर रही।
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