राजनांदगांव : जिले के डोंगरगांव विधानसभा सीट की बात की जाए तो बीजेपी और कांग्रेस दोनों का ही सीट पर वर्चस्व रहा है. पिछले दो विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के प्रत्याशी इस विधानसभा सीट से जीतते आ रहे हैं.बीजेपी ने इस बार कमर कस ली है और इस विधानसभा चुनाव में कांग्रेस और बीजेपी में सीधी टक्कर देखी जाएगी. डोंगरगांव विधानसभा सीट में कुल मतदाताओं की संख्या 199,524 है. जिसमें पुरुष मतदाताओं की संख्या 99028, महिला मतदाताओं की संख्या 97259 और थर्ड जेंडर 2 है. इनमें से युवा मतदाताओं की संख्या 3235 है.

डोंगरगांव विधानसभा सीट का इतिहास :

2008 के विधानसभा चुनाव में डोंगरगाव से बीजेपी प्रत्याशी की विधानसभा चुनाव से जीत हुई थी. वहीं 2013 और 2018 में कांग्रेस के विधायक विधानसभा सीट से विजयी हुए. इस कारण कांग्रेस की मजबूत पकड़ इस विधानसभा सीट में देखने को मिलती है. वर्तमान में ये सीट कांग्रेस के कब्जे में हैं. कांग्रेस आगामी विधानसभा चुनाव में भी इसे जीतने प्रयास करेगी. जिसे देखते हुए बीजेपी ने भी कमर कस ली है.इसे लेकर राजनीतिक सरगर्मी तेज हो गई है. 2018 विधानसभा चुनाव में बीजेपी की हार का मुख्य कारण जातीय समीकरण था. क्योंकि बीजेपी ने क्षेत्रीय प्रत्याशियों को नजर अंदाज किया था. जिसका फायदा कांग्रेस को मिला. कांग्रेस प्रत्याशी ने दूसरी बार इस विधानसभा सीट में जीत दर्ज की. कांग्रेस ने अपना प्रत्याशी 2018 में रिपीट किया था.

डोंगरगांव में साल 2018 के नतीजेसाल 2018 के परिणाम :

डोंगरगांव विधानसभा सीट की यदि बात करें तो साल 2018 में इस सीट पर कांग्रेस जीती थी.कांग्रेस के दलेश्वर साहू को 84,581 वोट मिले थे.जबकि बीजेपी के मधुसूदन यादव 65,498 ही मत हासिल कर सके थे.इस तरह दलेश्वर ने भारी मतों से मधुसूदन को हराया था.

डोंगरगांव का जातीय समीकरण :

डोंगरगांव विधानसभा में साहू समाज और पिछड़े वर्ग की अच्छी खासी आबादी है. साहू समाज के वोटर्स जीत और हार का आंकड़ा तय करते हैं. इसी कारण राजनीतिक पार्टियां ओबीसी फैक्टर और सामाजिक फैक्टर को देखकर टिकट देती हैं. जिसका फायदा भी प्रत्याशियों को मिलता है. साहू समाज,यादव,वर्मा और अन्य ओबीसी वर्ग से जुड़े जातीय समीकरण होने के कारण हार जीत का अंतर इन्हीं से तय होता है.

डोंगरगांव के मुद्दे :

डोंगरगांव विधानसभा क्षेत्र में स्थानीय मुद्दों की बात की जाए तो मूलभूत सुविधा ही स्थानीय मुद्दों में प्रमुख है. कई ग्राम पंचायतों में नाली का निर्माण,पेयजल के लिए टंकी का निर्माण कार्य अधूरा होने की वजह से लोगों को खासी परेशानी हो रही है.कई गांवों में शराब भट्टी और अवैध शराब का भी विरोध किया जा रहा है. मूलभूत सुविधा सड़क बिजली रोजगार ही इस बार भी वोटरों के लिए विधायक चुनने में प्रमुख भूमिका निभाएंगे. इस विधानसभा सीट में कांग्रेस और बीजेपी दोनों का दबदबा रहा है. वर्तमान में कांग्रेस के दलेश्वर साहू इस विधानसभा सीट से विधायक है.इसके साथ ही बीजेपी ने भी आगामी विधानसभा चुनाव को देखते हुए तैयारी की है. बीजेपी भी इस विधानसभा सीट को लेकर जोर आजमाइश में जुटी है.

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