-110 लाख टन का लक्ष्य, चार दिन बिना बायोमेट्रिक मशीनों के होगी खरीदी

रायपुर। एक नवंबर से पूरे छत्तीसगढ़ में धान खरीदी शुरू होने जा रही है। इस वर्ष करीब 125 लाख टन धान खरीदी का लक्ष्य है। इसके लिए सरकार ने 22 हजार करोड़ का बैंकों से क्रेडिट लिमिट लिया है।

बायोमेट्रिक के जरिए खरीदी में लगेगा वक्त

भारत सरकार ने अबकी किसानों के बायोमेट्रिक के जरिए धान खरीदी करने का निर्देश दिया था, मगर खाद्य सचिव टीपी वर्मा ने कमिश्नरों और कलेक्टरों को पत्र लिखकर कहा है कि बायोमेट्रिक की व्यवस्था करने में वक्त लगेगा, इसलिए बिना बायोमेट्रिक ही धान खरीदी की जाए।

केंद्र सरकार ने दी है अनुमति

खाद्य विभाग के अफसरों के अनुसार बिना बायोमेट्रिक मशीनों के धान खरीदी के लिए भारत सरकार से अनुमति थोड़े समय के लिए ही मिली। इन मशीनों के सप्लायर कंपनी ने थोड़ा वक्‍त मांगा है। कंपनी ने 4 नवंबर तक मशीनें खरीदी केंद्रों तक पहुंचा देने की बात कही है। इसी आधार पर भारत सरकार से कुछ दिनों की राहत मांगी गई थी। अफसरों ने बताया कि धान खरीदी के लिए करीब 3 हजार बायोमेट्रिक मशीन की जरुरत है। इसमें 2617 मशीन खरीदी केंद्रों में लगाई जाएगी। बाकी मशीन रिजर्व में रखा जाएगा।

सीएम ने किसानों को दी शुभकामनाएं

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रदेश में एक नवम्बर से शुरू हो रहे धान खरीदी के महाभियान पर किसानों और प्रदेशवासियों को शुभकामनाएं दी हैं। मुख्यमंत्री ने कहा है कि समर्थन मूल्य पर धान खरीदी सहित किसान हितैषी योजनाओं से प्रदेश में खेती-किसानी में नये उत्साह का संचार हुआ है। खेतों से दूर हो रहे किसान खेतों की ओर लौटे हैं और खेती का रकबा भी बढ़ा है।

25 लाख से अधिक किसानों का हुआ पंजीयन

खरीफ विपणन वर्ष 2022-23 में प्रदेश के पंजीकृत किसानों से 01 नवम्बर 2022 से समर्थन मूल्य पर धान खरीदी शुरू होगी। इस वर्ष लगभग 110 लाख मीट्रिक धान का उपार्जन अनुमानित है। समर्थन मूल्य पर धान बेचने के लिए राज्य में 25.72 लाख किसानों का एकीकृत किसान पोर्टल में पंजीयन हुआ है, जिसमें लगभग 61 हजार नये किसान है। राज्य में समर्थन मूल्य पर धान खरीदी के लिए 2497 उपार्जन केन्द्र बनाए गए हैं। इस साल किसानों से सामान्य धान 2040 रूपए प्रति क्विंटल तथा ग्रेड-ए धान 2060 रूपए प्रति क्विंटल की दर से खरीदा जाएगा।

अवैध धान की आवक रोकने होगी निगरानी

राज्य में अवैध धान की आवक रोकने तथा संवेदनशील उपार्जन केन्द्रों पर निगरानी के लिए नोडल अधिकारी तैनात किए गए हैं। सीमावर्ती सोसायटियों पर विशेष निगरानी रखी जा रही है। अन्य राज्यों से छत्तीसगढ़ में धान का अवैध परिवहन न हो, इसकी रोकथाम के लिए चेकपोस्ट भी बनाए गए हैं, जहां अधिकारियों की टीम माल वाहकों पर कड़ी निगरानी रखेगी।