टीआरपी डेस्क। वायु प्रदूषण पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने आज सख्त टिप्पणी की है। सर्वोच्च अदालत ने कहा कि प्रदूषण रोकना सिर्फ कोर्ट का काम नहीं है। पटाखों पर बैन लगाने की बात सिर्फ दिल्ली-एनसीआर नहीं, बल्कि पूरे देश में लागू होती है।

सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को कहा कि पटाखों की बिक्री और इस्तेमाल पर लगाया गया प्रतिबंध केवल दिल्ली-एनसीआर तक ही सीमित नहीं है, बल्कि यह पूरे देश पर लागू होता है।

शीर्ष अदालत ने यह टिप्पणी पटाखा निर्माताओं की उस याचिका पर प्रतिक्रिया देते हुए की, जिसमें प्रतिबंध हटाने की मांग की गई थी। शीर्ष अदालत ने राष्ट्रीय राजधानी और आसपास के इलाकों में बढ़ते वायु प्रदूषण को देखते हुए याचिका खारिज कर दी।

सुप्रीम कोर्ट ने पटाखों पर प्रतिबंध को बरकरार रखते हुए कहा, ”प्रदूषण पर अंकुश लगाना सिर्फ अदालत का कर्तव्य नहीं है।”

सुप्रीम कोर्ट ने राजस्थान और अन्य राज्य सरकारों को पटाखों से संबंधित अपने पहले के आदेश का पालन करने का निर्देश दिया है। त्योहारों के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने राजस्थान सरकार को वायु प्रदूषण को कम करने के लिए पर्याप्त कदम उठाने का निर्देश दिया और कहा कि ”प्रदूषण का प्रबंधन करना हर किसी का कर्तव्य है।”

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