गरियाबंद। 17 नवंबर को होने वाले चुनाव को सफल और शांतिपूर्ण तरीके से निपटाने प्रशासन ने पूरी ताकत झोंक दी है। यही वजह है कि ओडिशा से धान की तस्करी रोकने के लिए सीमा पर बनाए गए ज्यादातर चेक पोस्ट खुले छोड़ दिए गए हैं । वहीं पंचायत कर्मियों को देख-रेख की जवाबदारी मिली है, उनसे कारोबारियों की सीधी सांठ-गांठ है. आलम यह है कि बड़े कोचिए बिना खौफ ओडिशा से धान की तस्करी में लगे हुए हैं।

तीनों चेक पोस्ट पर पड़ने वाले रास्ते ओडिशा नवरंगपुर जिले के चंदाहांडी ब्लॉक को जोड़ती है. तीनों के बेरियर खुले मिले. उरमाल में हमने एक घंटा समय बिताया । शाम 5 से 6 बजे के बीच इस रास्ते से ओडिशा पासिंग कई धान से लोड पिकअप पार करते नजर आए।

रात 10 बजे से 2 बजे के बीच बिरीघाट पोस्ट से पिकअप के अलावा बड़े ट्रक भी पार हो रहे थे. हम इस पोस्ट पर रात 8 बजे तक रुके रहे. बाइक सवार कई संदेही मुंह में कपड़ा बांधे आवाजाही करते दिखे. स्थानीय ग्रामीणों ने बताया कि इस साल बीरीघाट नदी पर ओडिशा सरकार ने पुल बना दिया है. रात भर भारी वाहनों की आवाजाही होती है. प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक इसमें बड़े ट्रक भी शामिल होते हैं।

खलिहानों से होती है खरीदी
मगररोड़ा चेक पोस्ट पार कर जब हम ओडिशा पहुंचे तो वहां उरमाल चेक पोस्ट मार्ग को जोड़ने वाले मोहरा घाट के नजदीक एक खलिहान में धान की तौल हो रही थी. खलिहान के नजदीक सीजी पासिंग ट्रक नजर आया, जिसमें आसपास इलाके का धान लोड हो रहा था. पड़ताल में पता चला कि उरमाल में एक कारोबारी ओडिशा से खरीदी करता है. जबकि अमलीपदर में ओडिशा का एक नामी कारोबारी रोजाना ट्रक भरकर धान स्थानीय कारोबारी को सप्लाई कर रहा है. बिरिघाट चेक पोस्ट पर भी ट्रकों के सहारे धान की तस्करी हो रही है।

एक अनुमान के मुताबिक, पिछले 20 दिनों में 60 से ज्यादा खेप ट्रक से और इससे ज्यादा खेप पिकअप से ओडिशा का धान इन इलाकों में पहुंच गया है. आधा से ज्यादा धान किसानों के घर पर डंप हो चुका है, तो 40 फीसदी धान तस्करी से जुड़े कारोबारियों के अलग-अलग ठिकानों में डंप पड़ा है।
2 हजार में घर पहुंच सेवा
ओडिशा में 1700 रुपए प्रति क्विंटल की दर से धान की खरीदी हो रही है, जिसे 2 हजार प्रति क्विटंल की दर से घर पहुंच सेवा दिया जा रहा है. इस बार अल्प वर्षा के चलते धान का उत्पादन प्रभावित है. इस साल प्रति एकड़ 20 क्विंटल तक खरीदी किया जाना है, ऐसे में मात्रा की पूर्ति के लिए ओडिशा के धान की भारी मांग है. चुनाव में व्यस्त अफसरों के इस अवसर को भुनाने में बिचौलिए के साथ कारोबारी जम कर भिड़े हैं. पिछली बार की तुलना अच्छी मांग और किफायती कीमत मिलने के कारण कारोबारी इस अवैध कारोबार में रोड़ा बनने वालों को मुंहमांगी कीमत भी दे रहे हैं।