नई दिल्ली। बसपा सुप्रीमो मायावती ने सांसद दानिश अली पर एक्शन लेते हुए उन्हें पार्टी से बाहर निकाल दिया। बीएसपी की ओर से जारी किए गए बयान में कहा कि उन्हें कई बार मौखिक रूप से कहा गया कि आप पार्टी की नीतियों, विचारधारा और अनुशासन के विरुद्ध जाकर कोई भी बयानबाजी न करें, बावजूद इसके उन्होंने लगातार पार्टी के खिलाफ जाकर ऐसे कार्य किए है।

बीएसपी ने प्रेसनोट जारी कर दी सफाई

इस बयान में आगे कहा गया, “साल 2018 में दानिश अली कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री एचडी देवगौड़ा की जनता पार्टी के सदस्य के रूप काम कर रहे थे. 2018 में कर्नाटक के आमचुनाव में बहुजन समाज पार्टी और जनता पार्टी ने गठबंधन कर चुनाव लड़ा था। इस चुनाव में दानिश अली देवगौड़ा की पार्टी की तरफ से काफी सक्रिय थे। उस समय कर्नाटक के चुनाव नतीजों के बाद एचडी देवगौड़ा के अनुरोध पर दानिश अली को अमरोहा से बीएसपी का उम्मीदवार बनाया गया।”

अमरोहा से दिया गया था टिकट

बसपा ने आगे कहा, “दानिश अली को टिकट दिए जाने से पहले एचडी देवगौड़ा ने यह आश्वसन दिया था कि वे बहुजन समाज पार्टी की सभी नीतियों का हमेशा पालन करेंगे और पार्टी के हित में काम करेंगे. इस आश्ववासन को दानिश अली ने भी दोहराया था, जिसके बाद उन्हें बीएसपी की सदस्यता दी गई थी.”

पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने का आरोप

पार्टी ने कहा, “उन्हें अमरोहा से चुनाव लड़ाकर और जीत दिलाकर लोकसभा भेजा गया था, लेकिन वे अपने दिए गए आश्वसनों को भूल कर पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल हैं। इसलिए अब पार्टी के हित में उन्हें तत्काल प्रभाव से निलंबित किया जाता है।”

सदन में दानिश पर की थी टिप्पणी

सितंबर 2023 में संसद के विशेष सत्र के दौरान बीजेपी सांसद रमेश बिधूड़ी ने दानिश अली पर आपत्तिजनक टिप्पणी की थी। जिसके बाद कई प्रमुख विपक्षा दलों के नेताओं ने उनका साथ दिया था। कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने उनके आवास जाकर उनसे मुलाकात की थी। वहीं टीएमसी नेता महुआ मोइत्रा के पक्ष में दानिश अली ने शुक्रवार (8 दिसंबर) को संसद के बाहर विरोध प्रदर्शन भी किया था।

सपा या कांग्रेस में जाएंगे..?

कुंवर दानिश अली बसपा से निकाले जाने के बाद कांग्रेस या सपा का दामन थाम सकते हैं। मुस्लिम बहुल इलाके में दानिश अली की मजबूत पकड़ मानी जाती है। अमरोहा में करीब 30 फीसदी आबादी मुस्लिम है। सवाल है कि क्या वे इमरान मसूद की तरह कांग्रेस में जाएंगे या बीजेपी को सबसे कड़ी टक्कर देने वाली सपा के नेता अखिलेश यादव का दामन थामेंगे।