भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव से आदेश प्राप्त कर गृह विभाग, मप्र शासन ने धार्मिक स्थलों तथा अन्य स्थलों में अनियमित अथवा अनियंत्रित ध्वनि विस्तारक यंत्रों के उपयोग को प्रतिबंधित किए जाने के संबंध में आदेश जारी किए हैं। अब निर्धारित मापदण्ड से अधिक आवाज में बजाने पर कार्रवाई की जाएगी।

कोर्ट के आदेशों का होगा पालन

म.प्र. में धार्मिक स्थल एवं अन्य स्थानों पर म.प्र. कोलाहल नियंत्रण अधिनियम, ध्वनि प्रदूषण (विनियमन और नियंत्रण) नियम, 2000 के प्रावधानों तथा सर्वोच्च न्यायालय, उच्च न्यायालय द्वारा समय-समय पर जारी दिशा निर्देशों के अनुक्रम में राज्य शासन द्वारा निर्णय लिया गया है कि किसी भी प्रकार के धार्मिक स्थल अथवा अन्य स्थान में निर्धारित मापदण्ड के अनुरूप ही ध्वनि विस्तारक यंत्रों (लाउडस्पीकर/डी.जे.) आदि का उपयोग किया जा सकेगा।

उड़नदस्तों का किया जायेगा गठन

लाउडस्पीकर एवं अन्य ध्वनि विस्तारक यंत्रों के नियम विरूद्व तेज आवाज में बिना अनुमति के उपयोग को पूर्णतः प्रतिबंधित किया गया है। राज्य शासन द्वारा ध्वनि प्रदूषण तथा लाउडस्पीकर आदि के अवैधानिक उपयोग की जांच के लिये सभी जिलों में उड़नदस्तों के गठन का निर्णय लिया गया है। उडनदस्तें नियमित और आकस्मिक रूप से धार्मिक और सार्वजनिक स्थानों जहां ध्वनि विस्तारक यंत्रों का उपयोग होता है, का निरीक्षण कर सकेगें तथा नियमों के उल्लंघन की स्थिति में अधिकतम 03 दिवस में समुचित जांच कर प्रतिवेदन संबंधित प्राधिकारी को प्रस्तुत करेंगें।

लाउड स्पीकर हटाने का होगा प्रयास

इस संबंध में जारी आदेश में कहा गया है कि धर्मगुरूओं से संवाद व समन्वय के आधार पर लाउडस्पीकरों को हटाने का प्रयास किया जायेगा तथा ऐसे धार्मिक स्थलों की सूची बनाई जायेगी जहां उक्त नियमों / निर्देशों का अनुपालन नहीं हो रहा है तथा इसकी जिला स्तर पर साप्ताहिक समीक्षा की जाकर दिनांक 31 दिसंबर तक पालन प्रतिवेदन गृह विभाग को उपलब्ध कराने के निर्देश दिये गये है।

ध्वनि प्रदूषण के मामलों की सतत निगरानी के लिये अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक अपराध अनुसंधान विभाग पुलिस मुख्यालय को नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है। नोडल अधिकारी समय-समय पर लाउडस्पीकरों/डी.जे. आदि के अवैधानिक प्रयोग के संबंध में प्रतिवेदन शासन के समक्ष प्रस्तुत करेगें।

गौरतलब है कि कट्टर हिन्दू नेता की छवि वाले मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने CM का पद संभालने के बाद अपने पहले आदेश में कोलाहल अधिनियम के तहत कार्यवाही के आदेश पर नोटशीट पर हस्ताक्षर किये। जिसके बाद चर्चाओं का दौर शुरू हो गया गया है।

कार्यवाही नहीं की तो नपेंगे अधिकारी

इस आदेश में कहा गया है कि जिन अधिकारियों अथवा कर्मचारियों द्वारा कर्तव्य में लापरवाही बरतने पर इन्हे सबसे पहले कारण बताओ नोटिस जारी किया जायेगा। संतोषजनक जवाब नहीं मिलने पर संबंधितों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।