0 जन सूचना एवं प्रथम अपीलीय अधिकारियों को ऑनलाइन पोर्टल में स्व पंजीयन अनिवार्य रूप से करने का निर्देश

रायपुर। सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 के तहत ई फाइलिंग सुविधा एवं स्व पंजीयन विषय पर राज्य स्तरीय कार्यशाला का आयोजन आज रायपुर स्थित सर्किट हाउस के ऑडिटोरियम में किया गया। राज्य सूचना आयुक्त मनोज त्रिवेदी, धनवेंद्र जायसवाल, आयोग के सचिव जी आर चुरेंद्र और राज्य शासन की नोडल अधिकारी एवं उप सचिव सामान्य प्रशासन श्रीमती मेरी खेस की उपस्थिति में इस कार्यशाला में राज्य के सभी जिलों के कलेक्टर कार्यालय एवं जिला पंचायत कार्यालय के नोडल अधिकारी उपस्थित हुए।

इस कार्यशाला में छत्तीसगढ़ राज्य सूचना आयोग के अधिकारियों एवं एन आई सी के अधिकारियों के द्वारा ऑनलाइन पोर्टल में स्व- पंजीयन एवं ई फाइलिंग की सुविधा के संबंध में विस्तार पूर्वक जानकारी दी गई। कार्यशाला में अधिकारियों की शंकाओ का समाधान भी किया गया।

डिजिटल हुआ RTI का कार्य

इस एक दिवसीय राज्य स्तरीय कार्यशाला में राज्य सूचना आयुक्त मनोज त्रिवेदी ने कहा कि आम जनता एवं जन सूचना अधिकारियों एवं प्रथम अपील अधिकारियों की सुविधा के लिए ई फाइलिंग की सुविधा उपलब्ध कराई गई है। जन सूचना अधिकारी एवं प्रथम अपीलीय अधिकारियों को वेब पोर्टल में स्व पंजीयन सुनिश्चित करना है। सूचना का अधिकार अधिनियम के कार्यों के क्रियान्वयन में अब डिजिटल कार्य किया जा रहा है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के परिपालन में सभी राज्यों में ई फाइलिंग की सुविधा एवं अन्य कार्य किए जा रहे हैं। छत्तीसगढ़ राज्य में पहले से ही ऑनलाइन पोर्टल की सुविधा शुरू कर दी गई। उन्होंने सभी नोडल अधिकारियों से ई-फाइलिंग की सुविधा को अपने जिले के सभी जन सूचना अधिकारियों और अपीलीय अधिकारियों को अवगत कराते हुए पंजीयन की दिशा में तेजी से काम करने के निर्देश दिए हैं।

‘RTI के कार्य में लापरवाही से बचें’

कार्यशाला में सूचना आयुक्त धनवेन्द्र जायसवाल ने नोडल अधिकारियों से कहा कि वे सुनिश्चित कराएं कि जन सूचना अधिकारियों एवं प्रथम अपीलीय अधिकारियों के कार्यालय में उनकी नाम पट्टिका स्पष्ट रूप से प्रदर्शित हो। आरटीआई एक्ट में लापरवाही ना करें और किसी लिपिक के सहारे ना रखें। इस कार्य में जन सूचना अधिकारी व्यक्तिगत तौर पर जिम्मेदार होता है। उन्होंने प्रथम अपील का निराकरण गंभीरता से करने की समझाइए देते हुए कहा कि प्रथम अपीलीय अधिकारी के आदेश का पालन कराने की जिम्मेदारी भी प्रथम अपीलीय अधिकारी की होती है। उन्होंने ग्राम पंचायत में सचिवों के तबादले होने पर दस्तावेज भी नए सचिव को उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं, ताकि आरटीआई में आवेदक को भटकना न पड़े।

कार्यशाला में राज्य सूचना आयोग के सचिव जी आर चुरेंद्र ने सभी नोडल अधिकारियों से कहा है कि वह इलेक्शन मोड की तरह स्व पंजीयन के कार्य को प्राथमिकता दें। उन्होंने बताया कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के परिपालन में नोडल अधिकारी सभी विभागों में नियुक्त हो रहे हैं। उन्होंने जिला स्तर पर स्व पंजीयन के कार्य को करने के लिए NIC की मदद लेने कहा है। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि वह आयोग के द्वारा लगाए गए जुर्माने की राशि सरकारी खजाने में जमा करवा कर उसकी भी सूचना भेजना सुनिश्चित किया करें।

कार्यशाला में राज्य सूचना आयोग की अवर सचिव श्रीमती गीता दीवान के द्वारा कहा गया कि आरटीआई का ज्ञान और उनके नियमों की जानकारी जितना आपके पास होगी उतना ही आवेदनों का निराकरण समय पर कर सकेंगे। उन्होंने आवेदनों को टालने की प्रवृत्ति से बचने की समझाइए दी है। कार्यशाला में आयोग के अनुभाग अधिकारी अतुल कुमार वर्मा ने ऑनलाइन पोर्टल पर स्वपंजीयन एवं दस्तावेजों को अपलोड करने के विषय पर विस्तार से प्रकाश डाला। राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र मंत्रालय के अधिकारी अशोक मौर्य एवं उनकी टीम के द्वारा ऑनलाइन आरटीआई में स्व पंजीयन एवं प्राप्त आवेदनों के निराकरण को प्रस्तुतीकरण के माध्यम से बताते हुए अधिकारियों की शंकाओ का समाधान किया गया। कार्यशाला में आभार प्रदर्शन स्टाफ ऑफिसर श्रीमती रजनी छड़ीमली के द्वारा किया गया।